फरीदाबाद में मूर्तिकारों पर आर्थिक संकट, राजस्थान के कलाकारों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार फरीदाबाद: देशभर में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है, लेकिन इस बार भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार को घाटे का डर सता रहा है. राजस्थान से फरीदाबाद आए मूर्तिकार ने बताया कि वो हर साल यहां आकर भगवान गणेश की मूर्तियां बनाते हैं. यहां उन्होंने छोटी से लेकर बड़ी मूर्तियां बनाई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में मूर्तिकार नाथूराम ने बताया कि उनके पूर्वज यही काम करते आए थे और अब वो भी मूर्ति बनाने का ही काम करते हैं.
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राजस्थान से वो फरीदाबाद मूर्ति बनाने के लिए आते हैं. इस बार मूर्तियों के रेट में कोई उछाल भी नहीं है. इसके बाद भी मूर्तियां पहले की तरह नहीं बिक रही है. जिससे उन्हें नुकसान का डर सता रहा है. वहीं बारिश की वजह से कई मूर्तियां खराब हो चुकी हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि शायद उनकी सारी मूर्तियां बिक जाएंगी. मूर्तिकार नाथूराम ने सरकार प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि वो उनका सहयोग करें. क्योंकि अब इन कामों में पैसा नहीं रह गया है.
मूर्तिकारों ने हर रंग और साइज की मूर्तिया बनाई हैं. नाथूराम ने कहा कि लोग अब मूर्तियां कम खरीदने हैं. मूर्ति बनाने में मेहनत बहुत आती है. कलर महंगा हो गया है. मेहनत भी ज्यादा लगती है. उन्होंने कहा कि हम पूरे परिवार के साथ मूर्ति को बनाते हैं और उसको निखारते हैं. बारिश की वजह से भी हमारी कई मूर्तियां खराब हो चुकी हैं. पिछले साल भी मूर्ति ज्यादा नहीं बिकी. पिछले साल की मूर्तियां अभी तक उनके पास पड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी हमें नुकसान हुआ था और इस बार भी नुकसान ही होगा.
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वहीं मूर्ति लेने आए संदीप ने बताया कि नॉर्थ इंडिया में गणपति उत्सव कम मनाया जाता है, लेकिन फरीदाबाद में बड़े पैमाने पर गणेश उत्सव मनाया जाता है. हम हर साल गणेश पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि लोग मूर्तियां इसलिए भी कम खरीद रहे हैं क्योंकि उन्हें विसर्जन की समस्या आती है. हालांकि विसर्जन लोग हरियाणा के फरीदाबाद में तो कर पाते हैं, लेकिन दिल्ली में विसर्जन यमुना नदी में नहीं कर पाते. गणेश चतुर्थी को लेकर भक्त उत्साहित हैं. बता दें कि सनातन धर्म में किसी भी पूजा पाठ की शुरुआत गणेश भगवान से ही की जाती है.