फरीदाबादःकोरोना संकट के कारण फरीदाबाद समेत देशभर में 22 मार्च से उद्योगों पर ताला लटका हुआ था. अनलॉक के साथ अब धीरे-धीरे सब कुछ पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो चुकी है. महामारी से जूझ रहे उद्योगों पर अनलॉक में मिली छूट का असर धीरे-धीरे दिखने लगा है. औद्योगिक गतिविधियां शुरू होने से उत्पादन में भी सुधार हुआ है. हालांकि, इस दौरान कोरोना पॉजिटिव मामलों में भी इजाफा हो रहा है. जिसके चलते मजदूरों और उद्योगपतियों में भय का माहौल बरकरार है.
उद्योगपतियों में कोरोना का डर बरकरार, इन उपायों के साथ पटरी पर लौटेगी अर्थव्यवस्था! फरीदाबाद में 31 हजार के करीब उद्योग हैं. जिनमें से अभी तक करीब 29 हजार से ज्यादा उद्योगों को मंजूरी दी जा चुकी है और 10 लाख से ज्यादा लेबर इन उद्योगों में काम कर रही है. फरीदाबाद में 75 बड़े उद्योग हैं जिनमें से 52 में उत्पादन शुरू हो गया है और बाकी बहुत ही जल्द शुरू होने वाले हैं.
बढ़ा राजस्व और बेरोजगारों को मिला रोजगार सामने आ सकती है बड़ी मुसीबत!
ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन के वाइस चेयरमैन एसके सचदेवा बताते हैं कि मामले जिस रफ्तार के साथ बढ़ रहे हैं उससे अगर आने वाले समय में कोई अनहोनी हो जाती है तो उनके सामने बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले तेजी के साथ ऊपर बढ़ रहे है इसको लेकर वो अपनी कंपनियों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव के दूसरे उपायों का बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल करवा रहे हैं.
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क्या है कंपनी के अंदर जाने के नियमः
जाहिर है उद्योग शुरू होने के बाद भारी संख्या में लेबर कारखानों और उद्योगों में काम कर रही है. जिससे कोरोना के मामलों में इजाफा होने का खतरा और भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. इसी को देखते हुए लेबर्स के लिए कुछ जरूरी गाइडलाइन्स जारी की गई है. जिसके मुताबिक लेबर के लिएः
- कंपनी के अंदर जाने से पहले मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है.
- थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन के बिना किसी को भी अंदर एंट्री नहीं मिलेगी.
- पहले और काम खत्म करने के बाद मशीनों का सैनिटाइजेशन जरूरी है.
- लेबर को अलग-अलग शिफ्टों में काम करवाया जा रहा है.
- कंपनी के अंदर जगह-जगह सैनिटाइजर उपलब्ध है.
क्यों सतर्कता है जरुरी
ये सतर्कता इसलिए भी जरूरी है ताकि अर्थव्यवस्था की पटरी पर लौट रहे उद्योगों पर फिर से ताले ना लगे क्योंकि अनलॉक में मिली छूट के बाद औद्योगिक गतिविधियों ने फिर से रफ्तार पकड़ी है. इससे मई महीने तक सरकार को 113 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. जो जून में बढ़कर 186 करोड़ रुपए पहुंच गया. इससे अप्रैल के मुकाबले जून में जीएसटी संग्रह में भारी इजाफा हुआ है. साथ ही बेरोजगार हुए लोगों को भी एक बार फिर रोजगार मिलने लगा है.