फरीदाबाद:हरियाणा के जिला फरीदाबाद में एक 11 साल का मासूम बिजली का करंट लगने से बुरी तरह से झुलस गया. दरअसल, फरीदाबाद के तिलपत नगर में घर की तीसरी मंजिल के ऊपर से गुजर रही बिजली की 11 हजार हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है. फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में मासूम का इलाज चल रहा है. उसके एक पांव में फ्रैक्चर भी बताया जा रहा है.
ये भी पढ़ें:Faridabad Hospital Negligence: फरीदाबाद सड़क हादसे में घायल 25 वर्षीय युवक की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने निजी अस्पताल पर लगाए लापरवाही के आरोप, जमकर काटा बवाल
पीड़ित बच्चे की मां ने बताया कि वह मूलरूप से आजमगढ़ यूपी के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में वह परिवार के साथ किराए के मकान में रहते हैं. उनके दो बच्चे हैं, जिनमें से एक 11 साल का मोनू और 6 साल की एक बेटी है. महिला ने बताया कि उसका पति श्यामलाल सऊदी अरब में टैक्सी चालक है, जो कि करीब 2 साल से देश से बाहर हैं.
महिला ने बताया कि उसका बेटा मोनू दूसरी क्लास में पढ़ता है. देश शाम पढ़ाई करने के बाद वह घर की छत पर खेलने लगा. इस दौरान अचानक मोनू छत के ऊपर से गुजर रही बिजली की हाईटेंशन तारों की चपेट में आ गया. वह घटना के समय घर में काम कर रही थी. अचानक जोर का धमाका हुआ और चारों तरफ धुआं ही धुआं नजर आने लगा. जिसके बाद उसने देखा तो उसका बेटा मोनू बुरी तरह से झुलसा हुआ था.
करंट लगने से मोनू के कपड़े भी पूरी तरह से जल चुके थे. पड़ोसियों की मदद से महिला मोनू को लेकर बादशाह खान अस्पताल पहुंची. जहां डॉक्टर ने उसे प्राथमिक उपचार दिया. ड्यूटी पर मौजूद डॉ. चारू ने बताया कि मोनू हाई टेंशन तार की चपेट में आने से बुरी तरह झुलसा हुआ था. उसके पैर में भी फ्रैक्चर आया है. पीड़ित को दिल्ली के ट्रामा सेंटर के लिए रेफर किया गया. परिजन उसे एक निजी अस्पताल में ले गए.
ये भी पढ़ें:Child Death In Faridabad: दूसरी मंजिल से गिरने के बाद 4 साल के बच्चे की मौत, परिजनों का डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार इस प्रकार के जानलेवा हाई टेंशन वायर को रिहायशी इलाकों से हटाने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन घोषणा को कई साल बीत चुके हैं. बावजूद उसके आज भी रिहायशी इलाकों में हाई टेंशन जानलेवा तार के नीचे लोग रहने को मजबूर हैं और इस लापरवाही के चलते एक मासूम जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. हालांकि इस मामले में अभी तक बिजली विभाग और पुलिस विभाग का बयान सामने नहीं आया है