फरीदाबाद:23 फरवरी 2023 को हरियाणा का बजट आने वाला है. ऐसे में बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास वित्त मंत्रालय हैं, तो ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही बजट पेश करेंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट से पहले अलग-अलग दलों के साथ बैठक भी की. इसके अलावा बुद्धिजीवी वर्गों के साथ भी बातचीत की. वहीं अर्थशास्त्रियों से भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राय भी ली और इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल बजट तैयार किया है.
बजट के क्या है मायने: बजट का जब पिटारा खुलता है तो उसमें तमाम वर्गों के लिए क्या कुछ होता है और इन्ही चीजों को बारीकियों से समझने के लिए ईटीवी भारत से इकोनॉमिस्ट डॉक्टर आरके आर्य से बातचीत की. इस दौरान डॉक्टर आरके आर्य में बताया कि जनता को उम्मीदें होती हैं, कि बजट उनके अनुकूल हो उनके अनुरूप हो और होना भी यही चाहिए. लेकिन इस बार की बजट की बात करें तो लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. लेकिन बजट में बहुत सारी चीजें को सुधारने की जरूरत है. जैसे कि इंडस्ट्री के लोग परेशान रहते हैं. उनके लिए कुछ सहूलियत की जाए. शिक्षा के लिए बजट की बात करें, तो उसमें घोषणाएं कर दी जाती है. स्कूल नहीं बन पाते हैं, शिक्षकों की भर्ती नहीं निकाली जाती है.
GST पर सरकार देगी राहत ?: हालांकि कई सारे स्कूल ऐसे भी हैं, जिसमें एक ही अध्यापक है और उनको स्कूल से हटाकर कई अन्य कामों में भी लगा दिया जाता है. ऐसे ही किसानों के लिए हम बात कर ले तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लेकर बार-बार मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार का इस पर कोई ध्यान नही है, ट्रांसपोर्ट है उस पर जीएसटी बढ़ाया गया है. इसको लेकर भी सरकार को चाहे तो इसमें रियायत दे सकती है. ताकि किसानों को फायदा मिले क्योंकि 70 फ़ीसदी जो हरियाणा का रेवेन्यू है. वह लगभग किसानों के ऊपर डिपेंड करता है. ऐसे ही प्रदेश सरकार को चाहिए की जनता के हित में रहते हुए बजट को तैयार करें.
हरियाणा में रोजगार की कमी:हम अन्य राज्यों की बात करें गुजरात की बात कर लेते हम तमिलनाडु की बात कर लेते हैं, सरकार को उन राज्यों से सीखना चाहिए. क्योंकि वहां पर जितने भी इन्वेस्टर हैं. वह अत्यधिक रुचि दिखाते हैं हरियाणा में ऐसा नहीं है. हरियाणा में आने के लिए इन्वेस्टर को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उनका भी सरकार को चाहिए कि निवारण करें. हालांकि बेरोजगारी दर भी हावी है रोजगार नहीं है.