फरीदाबाद साइबर थाना एनआईटी ने साइबर क्राइम गिरोह का भंडाफोड़ किया. फरीदाबाद: साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए आए दिन अलग-अलग पैंतरे अपना रहे हैं. हालांकि साइबर क्राइम ब्रांच की टाम आए दिन साइबर फ्रॉड गैंग के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, बावजूद इसके प्रदेश में साइबर अपराध की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं. वहीं, फरीदाबाद साइबर थाना एनआईटी ने फर्जी आधार और पैन कार्ड तैयार करके उसपर फाइनेंस कंपनियों से ब्रांडेड मोबाइल फोन, बाइक, स्कूटी एवं गाड़ी फाइनेंस करवाकर फाइनेंस कंपनियों और बैंकों को चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए साइबर थाना एनआईटी ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से 1 कंप्यूटर, प्रिंटर, 3 मोबाइल फोन, 14 सिम कार्ड सहित 15000 नकदी बरामद किए हैं.
डीसीपी नीतीश कुमार अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों का नाम विनीत, साहिल, टीकम, दीपक, आबिद, मुकेश और हरमेल है. आरोपी विनीत, मुकेश, आबिद, टीकम और हरमेल गाजियाबाद के रहने वाले हैं, जबकि आरोपी दीपक और साहिल दिल्ली के रहने वाले हैं. आरोपी फर्जी कागजात तैयार करके उसपर मोबाइल फोन फाइनेंस करवाकर बैंक व फाइनेंस कंपनियों को चपत लगाते हैं और ग्राहकों के सिबिल स्कोर को भी नुकसान पहुंचाते हैं. अक्टूबर 2022 में साइबर थाने में धोखाधड़ी और षडयंत्र की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें आरोपियों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था.
फरीदाबाद साइबर थाना एनआईटी ने साइबर क्राइम गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया. साइबर टीम ने मामले में आगे कार्रवाई करते हुए तकनीकी और गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर आरोपियों को दिल्ली एनसीआर और बिहार से गिरफ्तार कर किया है. पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी विनीत इस गैंग का मुख्य आरोपी है, जो आधार कार्ड और पैन कार्ड ग्राहकों का डाटा लेकर मुकेश को देता है जो सीएससी सेंटर संचालक आरोपी विक्की सरदार उर्फ हरमेल सिंह फर्जी से पैन और आधार कार्ड में बदलाव करके फर्जी पैन और आधार कार्ड बनवाता है. आरोपी टीकम अपने जानकारों को फर्जी पैन और आधार कार्ड देकर प्रीत विहार में स्थित क्रोमा स्टोर पर भेजता है, जहां आरोपी साहिल और दीपक काम करते हैं.
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी आबिद फर्जी ग्राहक बनकर स्टोर पर गया था और उसने 49,000 कीमत का आईफोन-11 खरीद कर उसे दीपक को दे दिया था, जिसने उसे आगे बेच दिया. पुलिस जांच के दौरान सामने आया है कि आरोपियों ने इस प्रकार के साइबर ठगी की 180 वारदातों को अंजाम दिया है और फर्जी कागजात के आधार पर मोबाइल फोन, एलईडी, टीवी, लैपटॉप, होम थिएटर, एसी समेत कई कीमती सामान फाइनेंस करवाए हैं जिसकी अभी जांच की जा रही है. आरोपी मुकेश मोबाइल फोन के अलावा मोटरसाइकिल, स्कूटी और अन्य गाड़ी लोन पर दिलाने का काम करता है. पुलिस रिमांड पूरा होने के पश्चात सभी आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेजा जाएगा.
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