फरीदाबाद: पिछले लगभग 3 दशकों से वीरान पड़ी बड़खल झील (Faridabad Badkhal Lake) के दिन अब बदलने वाले हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने बड़खल विधानसभा की विधायक का सीमा त्रिखा के साथ एक प्रेस वार्ता करते हुए पत्रकारों को बताया कि बड़खल झील कभी फरीदाबाद की शान होती थी. प्रत्येक शनिवार और रविवार को एनसीआर के पर्यटक यहां घूमने आते थे. पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती थी लेकिन झील में पानी सूख जाने के चलते यह वीरान हो गई.
Faridabad Badkhal Lake: एक बार फिर से गुलजार होगी तीन दशकों से वीरान पड़ी बड़खल झील, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसी होगी सुंदर - haryana news in hindi
पिछले 25 सालों से वीरान पड़ी फरीदाबाद की बड़खल झील (Faridabad Badkhal Lake ) अब फिर से गुलजार होगी. राज्य सरकार इस झील के लिए 78 करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च करेगी. अगले साल 2023 में प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर इस झील को नया और सुंदर रूप देते हुए जनता को समर्पित किया जाएगा. इस बात की जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने दी है.
राज्य मंत्री ने दावा किया कि बेंगलुरु और हैदराबाद की तर्ज पर इस झील को सुंदर बनाया जाएगा. उन्होंने बताया की बड़खल विधानसभा में 2014 की विकास रैली में विधायिका सीमा त्रिखा ने झील को जीवित करने का मुद्दा उठाया था जिसे मुख्यमंत्री ने मान लिया था लेकिन करोना काल के चलते इस पर काम नहीं हो पाया था. अब 78 करोड़ की लागत से झील को जीवित करने का काम शुरू हो चुका है. उन्होंने दावा किया कि 2023 में प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर इस झील को नया और सुंदर रूप देते हुए जनता को समर्पित किया जाएगा.
पिछले तीन दशकों से झील के प्रति बेरुखी के सवाल पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि हुड्डा 10 साल मुख्यमंत्री रहे और केंद्र में भी कांग्रेस की सरकार थी लेकिन जिन्होंने काम नहीं किया उन्हें जनता ने घर बैठा दिया. चंडीगढ़ पर पूछे प्रश्न के जवाब में कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा का सांझा है और सांझा ही रहेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब हमारा बड़ा भाई है लेकिन छोटे भाई का हक नहीं खा सकता और ना ही हम खाने देंगे.