फरीदाबादः 1 फरवरी से शुरू हुए 33वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में कई रंग देखने को मिल रहे हैं. मेले में कोयले, राख और गोबर से बनी पेंटिंग्स लोगों को खूब लूभा रही हैं.
आमतौर पर पेंटिंग बनाने के लिए ब्रश, पानी और रंगों की आवश्यकता होती है लेकिन सूरजकुंड मैं कुछ कलाकार ऐसी भी है जो वो अपनी पेंटिंग्स में कोयला, राख व गोबर का भी इस्तेमाल करते हैं. इनकी सभी पेंटिंग्स आदिवासियों की चित्रकला से जुड़ी हुई हैं. जो चित्रकला भाषा की खोज से पहले प्रयोग में लाई जाती थी.