फरीदाबाद: हरियाणा में सरकार ने गरीब परिवारों के लिए एक योजना बनाई परिवार पहचान पत्र (family identity card haryana) लेकिन ये योजना लोगों के लिए हल नहीं बल्कि परेशानी का सबब बनकर रह गई है. गरीब मजदूर परिवारों को इन दिनों अधिकारियों द्वारा की गई गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हरियाणा में बेरोजगार परिवार के लिए परिवार पहचान पत्र मुसीबत (poor family problem Increased in Haryana) बन गया है. इन दिनों लोग परिवार पहचान पत्र को ठीक करवाने के लिए सरकार दफ्तरों के चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं.
सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने वाले ज्यादातर लोग वो है जिनकी इनकम पहले काफी कम थी. अब उनकी इनकम पांच लाख से छह लाख कर दी गई है. इसके साथ-साथ आपको बता दें कि उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं है. इनमें से कोई बेरोजगार है, कुछ आश्रित हैं कुछ विकलांग है लेकिन कहीं ना कहीं सभी के फैमिली आईडी कार्ड और बीपीएल कार्ड को लेकर परेशानियां भुगतनी (poor family problem Increased in Haryana) पड़ रही है. जिन बुजुर्गों की पेंशन कटी हैं, उनकी टेंशन भी बढ़ गई है. ये बुजुर्ग भी अब अपने दस्तावेजों के साथ समाज कल्याण विभाग की सीढ़ियां नापने को मजबूर हैं.
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने हरियाणा के हर परिवार के लिए परिवार पहचान पत्र बनाना अनिवार्य कर दिया गया है जिसमें परिवार के सदस्यों की संख्या उनका उम्र और फैमिली में कौन-कौन कमाने वाले हैं और उनका सालाना इनकम क्या यह तमाम जानकारियां इस फॉर्म में भरी जाती है, जिसके बाद परिवार पहचान पत्र का वेरिफिकेशन होता है उसी के आधार पर सरकारी सहायता परिवारों को मिलता है, और इसी के आधार पर लोगों को पीला कार्ड, नीला कार्ड हर तरह के कार्ड बनाए जाते हैं.