फरीदाबाद:बैंक का फर्जी डीडी बनाकर 1 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाले 8 आरोपियों को एनआईटी पुलिस स्टेशन फरीदाबाद की टीम ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों से करीब 47 लाख रुपए और ब्रेजा गाड़ी जब्त की है. पुलिस ने फर्जी डीडी बनाने में प्रयोग मोहर, लैपटॉप, प्रिंटर को भी बरामद कर लिया है. नकली डीडी तैयार करने के मुख्य आरोपी गौरव पर इससे पहले भी फर्जी चैक व डीडी बनाने को लेकर रोहतक व दिल्ली में केस दर्ज हैं. आरोपी ने दिल्ली में 1 करोड़ व रोहतक मे डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी.
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि ओमकार, जगन सिंह, प्रदीप, संजय, अमित, मधुर, विजय कुमार और गौरव सिंह को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य आरोपी गौरव दिल्ली के मुखर्जी नगर के गांव धीरपुर का निवासी है. यूनियन बैंक आफ इण्डिया एनआईटी के मैनेजर की शिकायत पर सब इंस्पेक्टर नरपत सिंह और सहायक सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने इस मामले की जांच कर आरोपी ओमकार व जगन सिंह को 15 फरवरी को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था.
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वहीं आरोपी जगन सिंह को पुलिस रिमांड पर लिया गया. पूछताछ के बाद आरोपी जगन को 19 फरवरी को जेल भेज दिया गया.आरोपी जगन ने अपने खाते से संजय के बैंक अकाउंट में 40 लाख और प्रदीप के बैंक अकाउंट में 31 लाख रुपए जमा करवा दिए. प्रदीप के एक बैंक अकाउंट में 10 लाख और दूसरे में 4.5 लाख रुपए के साथ ही उसके परिवार के 4 अन्य खातों में रुपए भेजे गए थे.
आरोपी जगन ने 4 लाख रुपए का चेक दिया, जिसे कैश कराकर 1 लाख रुपए जगन को दे दिए और 3 लाख अपने पास रख लिए. पुलिस ने आरोपी जगन से 30 लाख रुपए बैंक खाते में जाम करवाकर उसे सीज करा दिया है. पुलिस टीम ने आरोपी संजय को 17 फरवरी को गिरफ्तार कर उससे 80 हजार रुपए नगद बरामद किए हैं. वहीं प्रदीप को 18 फरवरी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. उसे 21 फरवरी को जेल भेज दिया गया.
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आरोपी से पूछताछ के दौरान पुलिस ने 1 लाख रुपए बरामद किए. इसके बाद पुलिस ने आरोपी अमित को गिरफ्तार कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया. अमित के पास से 50 हजार रुपए नगद बरामद हुए. पूछताछ पूरी होने के बाद आरोपी संजय और विजय को जेल भेज दिया गया. अमित को आगरा और मधुर को उत्तर प्रदेश के बागपत से 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी गौरव को 26 फरवरी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी गौरव को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया था जिसे पुनः पुलिस रिमांड लिया गया है.
यह था मामला: 17 जनवरी को दिल्ली में स्थित एक कंपनी ईकेईएन(E.K.E.N) वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक के नाम एक करोड़ रुपए का बैंक डीडी बना था. असली डीडी का फोटो अन्य आरोपियों के जरिए आरोपी गौरव के व्हाट्सएप पर आया था. आरोपी ने असली डीडी को देखकर इसका नकली डीडी तैयार कर लिया और अन्य आरोपियों की साहयता से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एनआईटी फरीदाबाद से कैश करा लिया. आरोपियों ने बैंक से एक करोड़ की असली डीडी को कैंसिल करा दिया.
बैंक मैनेजर ने दर्ज कराई थी शिकायत: धोखाधड़ी का खुलासा होने पर बैंक मैनेजर ने फर्जी डीडी द्वारा फ्रॉड करने के संबंध में थाना एनआईटी में शिकायत दी थी. जिस पर थाना एनआईटी में मामाल दर्ज किया गया. एनआईटी थाना प्रभारी सुनीता और उसकी टीम ने फरीदाबाद में बैंक का फर्जी डीडी बनाकर 1 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
12वीं पास ने ऐसे लगाई एक करोड़ की चपत:पुलिस के अनुसार नकली डीडी बनाने वाला आरोपी गौरव 12वीं तक पढ़ा हुआ है. उसने अपने लैपटॉप और प्रिंटर की मदद से असली डीडी की फोटो के जरिए नकली डीडी तैयार करके आरोपी मधुर को दिया था. आरोपी मधुर ने डीडी अमित को दे दिया. आरोपी संजय का बिजनेस पार्टनर प्रदीप है. प्रदीप का बिजनेस पार्टनर ओमकार है. ओमकार के खाते में डीडी को कैश कराया गया.