फरीदाबाद: कोरोना की पहली और दूसरी लहर के वक्त लाखों लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ी. कुछ लोगों को तो फिर से नौकरी मिल गई. कुछ की तलाश आज भी जारी है. कुछ लोगों ने खुद का ही कुछ अलग करने की ठानी जो आज दूसरों के लिए मिसाल बने हैं. एसजीएम नगर फरीदाबाद में रहने वाले दिव्यांग प्रवीण और उनकी पत्नी अंजू (divyang couple in faridabad) की भी कोरोना काल में नौकरी चली गई. जिसके बाद प्रवीण और अंजू के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया.
इस बीच हिम्मत ना हारकर दोनों पति पत्नी ने कुछ ऐसा किया कि आज दोनों मिसाल बने हैं. प्रवीण और उनकी पत्नी अंजू दोनों ही दिव्यांग हैं. प्रवीण बचपन में पोलियो का शिकार हो गए. जिसकी वजह से वो सामान्य तौर पर चलने में सक्षम नहीं है. उनकी पत्नी अंजू का हाथ चारा काटते समय मशीन में कट गया था. दोनों ही दंपति प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का काम करते थे, लेकिन कोरोना काल में उनकी नौकरी चली गई. जिसके बाद उनके सामने घर चलाने का संकट खड़ा हो गया.
हिम्मत ना हारते हुए अंजू ने संयम से काम लिया और आत्मनिर्भर बन खुद का स्टार्टअप (pickle making startup in faridabad) लगाने का फैसला किया. अंजू की सास घर में अचार बनाने का काम करती है. अंजू को यहां से आइडिया आया कि क्यों ने घर में बनने वाले इस अचार को मार्केट में उतारा जाए. दंपति ने मिलकर साल 2020 में अचार का व्यापार करने का एक छोटा सा स्टार्टअप शुरू किया. जिसके लिए अंजू ने गुरुग्राम से 3 महीने तक विभिन्न प्रकार के अचार बनाने की ट्रेनिंग ली.
उन्होंने ₹25000 का निवेश करके अचार बनाने और उसको बेचने का काम शुरू किया. शुरुआत में उन्होंने छोटे स्तर पर इस काम को शुरु किया. उनका अचार केवल उनके रिश्तेदारों तक ही जा रहा था. इसके बाद दिव्यांग दंपति के जीवन में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब केंद्र सरकार की स्वरोजगार योजना के तहत उनको ₹300000 का लोन मिला. हरियाणा खादी एवम ग्राम उद्योग बोर्ड की तरफ से दंपति को ये लोन दिलाया गया. लोन मिलने के बाद दंपति ने आचार के काम को बड़ा किया.