फरीदाबाद: शिक्षा पर सबका अधिकार है और यही वजह है कि शिक्षा को लेकर अलग-अलग तरह की मुहिम भी चलाई जाती है, लेकिन कभी ऐसा भी देखा जाता है कि गरीबी में कई बच्चे शिक्षा से महरूम रह जाते हैं. आजकल किताबों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि इसका खर्चा गरीब परिवार नहीं उठा पाते हैं. इस वजह से कई बच्चे शिक्षित नहीं हो पाते हैं. लेकिन, अब दिल्ली एनसीआर में किताबों के अभाव में बच्चा ना पढ़ें ऐसा अब नहीं हो रहा है. अब किसी भी बच्चे को किसी भी क्लास की कोई भी किताब चाहिए, वह उनको फ्री में मिल रही है. इस विशेष मुहिम की शुरुआत पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रियंका गर्ग ने की है.
दरअसल प्रियंका गर्ग दिल्ली एनसीआर से किताबें इकट्ठा करती हैं और वह जरूरतमंद बच्चों को बांट देती हैं. ईटीवी से बातचीत में प्रियंका गर्ग ने बताया कि साल 2018 में उनकी घरेलू सहायिका को अपने बच्चे के लिए स्कूल की किताबों की जरूरत थी. तब उन्होंने उनके बच्चे के लिए पुस्तक मांग कर इकट्ठा कर के उन्हें दी. इस तरह से प्रियंका गर्ग को किताब इकट्ठा करके जरूरतमंद बच्चों को फ्री में बांटने का विचार आया. उसके बाद उन्होंने 'वे ऑफ लाइफ' नाम का फाउंडेशन बनाया और इसका एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, जिसमें दिल्ली एनसीआर के लोगों को जोड़ा.
इस ग्रुप के जरिए उन्होंने लोगों से अपील की कि जो किताबें आपके बच्चे पढ़ चुके हैं, जो किताबें आपके लिए बेकार है वह किताबें हमें दान करें. हम इसे जरूरतमंद बच्चों को देंगे. इसके बाद लोगों ने इस मुहिम को सराहा और किताबें इकट्ठा होती गईं. प्रियंका गर्ग बताती हैं कि हर साल 31 मार्च तक वह पुस्तकें इकट्ठा करती हैं. कैंप लगाकर लोगों से किताब डोनेट करने की गुजारिश करती हैं. व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों से अपील करती है कि किताबों को डोनेट करें फिर उन्हें जरूरतमंद बच्चों में बांट देती है प्रियंका गर्ग आगे बताती है कि पिछले साल दिल्ली एनसीआर से किताबें इकट्ठा करके 700 जरूरतमंद बच्चों में बांटी गई.