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Book bank in Faridabad: जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में मिल रहीं महंगी किताबें, दिल्ली-NCR के लोग ऐसे उठा सकते हैं इसका लाभ

आज महंगाई के इस दौर में किताबें भी काफी महंगी हो गई हैं. किताबें नहीं खरीद पाने के कारण आज कई बच्चे शिक्षा से महरूम हो रहे हैं. वहीं, फरिदाबाद में पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रियंका गर्ग ने एक मुहिम की शुरुआत की है. उनका मकसद है कि किताबों के अभाव में कोई भी पढ़ने से वंचित न रह जाए. इसके लिए प्रियंका गर्ग ने एक बुक बैंक की शुरुआत की है, ताकि दिल्ली एनसीआर के लोग निशुल्क किताब लेकर अपनी पढ़ाई या नौकरी के लिए तैयारी कर सकें. (Book Bank in Faridabad)

Book bank in Faridabad for needy people
जरूरतमंद लोगों के लिए फरीदाबाद में बुक बैंक

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Published : Apr 23, 2023, 12:39 PM IST

फरीदाबाद: शिक्षा पर सबका अधिकार है और यही वजह है कि शिक्षा को लेकर अलग-अलग तरह की मुहिम भी चलाई जाती है, लेकिन कभी ऐसा भी देखा जाता है कि गरीबी में कई बच्चे शिक्षा से महरूम रह जाते हैं. आजकल किताबों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि इसका खर्चा गरीब परिवार नहीं उठा पाते हैं. इस वजह से कई बच्चे शिक्षित नहीं हो पाते हैं. लेकिन, अब दिल्ली एनसीआर में किताबों के अभाव में बच्चा ना पढ़ें ऐसा अब नहीं हो रहा है. अब किसी भी बच्चे को किसी भी क्लास की कोई भी किताब चाहिए, वह उनको फ्री में मिल रही है. इस विशेष मुहिम की शुरुआत पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रियंका गर्ग ने की है.

दरअसल प्रियंका गर्ग दिल्ली एनसीआर से किताबें इकट्ठा करती हैं और वह जरूरतमंद बच्चों को बांट देती हैं. ईटीवी से बातचीत में प्रियंका गर्ग ने बताया कि साल 2018 में उनकी घरेलू सहायिका को अपने बच्चे के लिए स्कूल की किताबों की जरूरत थी. तब उन्होंने उनके बच्चे के लिए पुस्तक मांग कर इकट्ठा कर के उन्हें दी. इस तरह से प्रियंका गर्ग को किताब इकट्ठा करके जरूरतमंद बच्चों को फ्री में बांटने का विचार आया. उसके बाद उन्होंने 'वे ऑफ लाइफ' नाम का फाउंडेशन बनाया और इसका एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, जिसमें दिल्ली एनसीआर के लोगों को जोड़ा.

जरूरतमंद लोगों को किताब दिलाने के लिए फरीदाबाद में 'वे ऑफ लाइफ'

इस ग्रुप के जरिए उन्होंने लोगों से अपील की कि जो किताबें आपके बच्चे पढ़ चुके हैं, जो किताबें आपके लिए बेकार है वह किताबें हमें दान करें. हम इसे जरूरतमंद बच्चों को देंगे. इसके बाद लोगों ने इस मुहिम को सराहा और किताबें इकट्ठा होती गईं. प्रियंका गर्ग बताती हैं कि हर साल 31 मार्च तक वह पुस्तकें इकट्ठा करती हैं. कैंप लगाकर लोगों से किताब डोनेट करने की गुजारिश करती हैं. व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों से अपील करती है कि किताबों को डोनेट करें फिर उन्हें जरूरतमंद बच्चों में बांट देती है प्रियंका गर्ग आगे बताती है कि पिछले साल दिल्ली एनसीआर से किताबें इकट्ठा करके 700 जरूरतमंद बच्चों में बांटी गई.

हर साल 31 मार्च तक वह पुस्तकें इकट्ठा करती हैं प्रियंका गर्ग.

बुक बैंक से किताब लेने आए अरुण ने बताया कि, 'NEET की तैयारी कर रहा हूं. बाहर किताबें बहुत महंगी मिलती हैं. शायद मैं यह किताबें खरीद भी नहीं सकता, लेकिन मैं यहां पर आया हूं. यह किताबें मुझे फ्री में बड़े ही आसानी से मिल गई.'

जरूरतमंद लोगों के लिए फरीदाबाद में बुक बैंक.

बता दें प्रियंका गर्ग खुद चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, अब उनके पति और परिवार भी प्रियंका गर्ग के इस पहल की सराहना कर रहे हैं. शुरू से ही प्रियंका गर्ग को उनके परिवार का भरपूर सहयोग मिला. अब प्रियंका गर्ग के साथ सैकड़ों लोग जुड़ चुके हैं जो इस मुहिम में प्रियंका गर्ग का साथ दे रहे हैं. प्रियंका गर्ग पहले 12वीं कक्षाओं तक की किताबों को इकट्ठा करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे कॉलेज स्टूडेंट के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों और वकालत के स्टूडेंट्स के लिए भी किताबें इकट्टा कर रही हैं.

हर वर्ग के बच्चों के लिए यहां उपलब्ध हैं किताबें.

कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रियंका गर्ग लगभग सभी कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स (प्रतियोगी परीक्षाएं) और सभी वर्गों के लिए किताबों को इकट्ठा कर रही है. इसके अलावा उन्हें जो भी किताबें मिल जाती हैं, वह यह सोच कर रख लेती हैं कि किसी न किसी व्यक्ति को इसकी जरूरत होगी. जो भी जरूरतमंद चाहे स्कूल के छात्र हों, चाहे कोई और व्यक्ति जिन्हें भी किताबों की जरूरत होती है वह प्रियंका गर्ग से निशुल्क में यह किताबें ले लेते हैं.

प्रियंका गर्ग की 'वे ऑफ लाइफ' से अब तक कई लोग लाभान्वित.

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