हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

सूरजकुंड मेले में छाया बाइस्कोप का जादू, विदेशी सैलानी भी जमकर उठा रहे लुत्फ

राजस्थान के अजमेर जिले के रहने वाले किशन बाइसकोप लेकर आए हैं. दिलचस्प बात ये है कि पहले उनके दादा ये बाइस्कोप चलाते थे. उसके बाद उनके पिताजी ये चलाते थे और अब किशन खुद मेले में इसको चला रहे हैं.

biscope in surajkund fair 2020 faridabad
सूरजकुंड मेले में गुजरे जमाने का गांव का सिनेमा यानी बाइस्कोप आने वाले दर्शकों को दिला रहा है पुराने जमाने की याद

By

Published : Feb 11, 2020, 11:15 AM IST

फरीदाबादःसूरजकुंड क्राफ्ट मेला अंतरराष्ट्रीय जरूर है, लेकिन इसमें देसी चीजों की भरमार है. इसमें से एक है बाइस्कोप, जिसे हम गुजरे जमाने का सिनेमा कह सकते हैं. क्राफ्ट मेले में नई पीढ़ी खासकर बच्चों को बाइस्कोप से परिचित करवाया जा रहा है, ताकि उन्हें पता चल सके कि गुजरे जमाने में गांवों का सिनेमा कैसा होता था. वहीं विदेशी सैलानी भी बाइस्कोप का खूब आनंद उठाते नजर आ रहे हैं.

परिवार की तीसरी पीढ़ी है किशन
राजस्थान के अजमेर जिले के रहने वाले किशन बाइसकोप लेकर आए हैं. दिलचस्प बात ये है कि पहले उनके दादा ये बाइस्कोप चलाते थे. उसके बाद उनके पिताजी ये चलाते थे और अब किशन खुद मेले में इसको चला रहे हैं. यानी कि वो तीसरी पीढ़ी है जो बाइस्कोप जिंदा रखे हुए हैं. मेले के विभिन्न हिस्सों में बाइस्कोप रखे गए हैं, ताकि नई पीढ़ी के लोग पुराने जमाने के इस सिनेमा से रूबरू हो सकें. विदेशी सैलानी इसे देखने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

सूरजकुंड मेले में गुजरे जमाने का गांव का सिनेमा यानी बाइस्कोप आने वाले दर्शकों को दिला रहा है पुराने जमाने की याद

क्या है मकसद
किशन ने बताया कि इसके पीछे उनका एक ही मकसद है कि लोग जान सकें कि पहले लोग सिर्फ चित्र देखकर और गानों से मनोरंजन कर लिया करते थे. उसमें लोग बाइस्कोप वाले को अनाज देकर बर्मिंघम पैलेस भी देखते थे और ताज भी. भंवरलाल कहते हैं कि टीवी ने इस सिनेमा को गांवों से भी बेदखल कर दिया है, अब ये सिर्फ मेलों तक सिमट गया है. समय के साथ बाइस्कोप ने भी बदलाव देखे हैं.

ये भी पढ़ेंः ये है हरियाणा का क्राइम फ्री गांव, जहां कभी नहीं जाती पुलिस

नई टेक्नोलॉजी के साथ बढ़े संसाधन
भंवरलाल कहते हैं कि शुरू में इस पर ग्रामोफोन से गाना चलाया जाता था. वो इसकी शान हुआ करता था. फिर उसका दौर गया तो आठ गीतों वाला कैसेट आया. फिर सीडी आ गई अब सीडी भी गुजरे जमाने की बात हो गई. अब एक पेन ड्राइव में ही दो सौ गाने हैं. उन्होंने कहा कि आज टेक्नोलॉजी के दौर में हर किसी के हाथ में एंड्रॉयड फोन है. जिसमें वो जब चाहे जैसा चाहे देख सकता है सुन सकता है लेकिन उसके बाद भी बाइस्कोप का अपना एक अलग महत्व है.

पुराने जमाने की याद दिलाता है बाइस्कोप
जाहिर है कि आज भले ही हम मॉडर्न बन चुके हैं, लेकिन कुछ पुरानी चीजें ऐसी भी हैं जिनको हम कभी नहीं भुला सकते उनमें से एक है बाइस्कोप जो सूरजकुंड मेले में देखने को मिल रहा है. जिन लोगों ने गांव का सिनेमा नहीं देखा हो वो बाइस्कोप को देखकर गांव के पुराने समय के सिनेमा का अंदाजा लगा सकते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details