फरीदाबाद: कोरोना के चलते देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डगमगा रही है. कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते सरकार ने पहली बार मार्च 2020 में लॉकडाउन लगा दिया था. जिसके बाद से देश में इंडस्ट्रीज की हालत बड़ी खस्ता हो गई थी. वहीं एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते लॉकडाउन लगने का डर बड़े उद्योगपतियों के चेहरों पर साफ झलक रहा है. जिसके चलते फरीदाबाद के सभी उद्योगपति (industrialists in Faridabad) सरकार से लॉकडाउन नहीं लगाने की गुहार लगा रहे हैं.
गौरतलब है कि फरीदाबाद को हरियाणा का औद्योगिक नगर इसलिए कहा जाता है क्योंकि हरियाणा का सबसे ज्यादा रेवेन्यू पैदा करने वाला अकेला फरीदाबाद है. फरीदाबाद में छोटे और बड़े उद्योग मिलाकर करीब 25 हजार उद्योग हैं जिनमें लाखों की संख्या में कर्मचारी और मजदूर काम करते हैं. ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते मार्च 2020 में लॉकडाउन लगा दिया गया था. जिससे एकाएक इंडस्ट्रीज के शटर बंद हो गए थे. वहीं लॉकडाउन खुलने के बाद बहुत सारे छोटे उद्योग बंद हो चुके थे और कई सारे बड़े उद्योग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे.
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हालांकि जैसे-जैसे इंडस्ट्रीज का पहिया घूमना शुरू हुआ वैसे ही इंडस्ट्रीज के आर्थिक हालातों में भी सुधार होना शुरू हुआ. लेकिन फिर दोबारा से हुए लॉकडाउन ने इंडस्ट्रीज की कमर को बिल्कुल तोड़ कर रख दिया. दूसरे लॉकडाउन (lockdown in Haryana) में बेहद कम कर्मचारियों के साथ कछुए की गति से इंडस्ट्रीज ने काम किया.
दूसरा लॉकडाउन खुलने के बाद उद्योगों ने एक बार फिर से अपनी पहली रफ्तार को पकड़ने की कोशिश की है. लेकिन अब उद्योगों की यह कोशिश भी विफल होती नजर आ रही है. क्योंकि प्रदेश और देश में कोरोना और ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों ने उद्योगपतियों की चिंता बढ़ा दी है और फरीदाबाद के बड़े उद्योगपति (lockdown fear in Faridabad industrialists) भी इस चिंता में शामिल हैं. बड़े उद्योगपतियों के सामने भी आर्थिक परेशानियों के हालात पहाड़ जैसे खड़े दिखाई दे रहे हैं. इसीलिए बड़े उद्योगपतियों ने सरकार से इंडस्ट्रीज के लिए लॉकडाउन नहीं करने की गुहार लगाई है. क्योंकि अगर इस बार लॉकडाउन हुआ और इंडस्ट्रीज के शटर बंद हुए तो उद्योगपतियों के सामने आर्थिक हालात इतने ज्यादा खराब हो जाएंगे कि दोबारा से संभल पाना संभव नहीं होगा.
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