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फरीदाबाद बादशाह खान अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन खत्म, बाहर से महंगे दाम पर खरीदने को मजबूर गरीब मरीज - faridabad badshah khan hospital

जिला नागरिक अस्पताल बादशाह खान (Faridabad District Civil Hospital) में अक्सर दवाइयों की किल्लत रहती है. ये समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. आजकल जिले के इस इकलौते सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते गरीब लोग परेशान हैं.

anti rabies vaccine in badshah khan hospital
फरीदाबाद नागरिक अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन

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Published : Mar 16, 2023, 12:52 PM IST

फरीदाबाद: जिला नागरिक अस्पताल बादशाह खान में एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं मिल रही है. सरकारी अस्पतालों में किफायती दरों पर ये वैक्सीन आम आदमी को उपलब्ध करवाई जाती है. एक टीके की कीमत 100 रुपये है. ऐसे में मरीज को 4 टीके लगते हैं जो सौ रुपये के हिसाब से 400 रुपये में पूरा हो जाता है. लेकिन आजकल सरकारी अस्पताल में टीका उपलब्ध नहीं होने के चलते मरीजों को बाहर से खरीदना पड़ रहा है.

एंटी रेबीज टीके की कीमत बाहर से खरीदने पर लोगों को 350 रुपये पड़ती है. इस हिसाब से 4 टीके की कीमत 1400 रुपये हो जाती है, जो गरीब लोगों के लिए एक बहुत बड़ी रकम है. हालांकि जिसके पास बीपीएल कार्ड है उसे ये टीके निशुल्क उपलब्ध करवाये जाने का आदेश है लेकिन एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं होने से रोज लगभग 100 से 110 लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ता है. इनमें से 20 से 25 ऐसे लोग होते हैं जो पहला टीका लगवाने आते हैं. बाकी लोग अपनी बची हुई वैक्सीन लगवाने वाले हैं. इसमें लगभग 4 से 5 बीपीएल कार्ड धारक भी होते हैं.

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बादशाह खान अस्पताल में एक हफ्ते से एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म है.

फरीदाबाद की प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सविता यादव की मानें तो गुरुग्राम स्थित वेयरहाउस में एंटी रेबीज टीके उपलब्ध नहीं है. हमने 2 हजार टीके की डोज की मांग भेजी है. जैसे ही हमें रेबीज के टीके प्राप्त होते हैं, वैसे ही लोगों को लगाने शुरु कर देंगे.

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले भी फरीदाबाद जिला नागरिक अस्पताल में दवाइयों की भारी किल्लत पैदा हो गई थी. उस दौरान अस्पताल प्रशासन ने प्राइवेट कंपनियों से दवाई खरीद कर मरीजों का इलाज किया था. अस्पताल की ऐसी स्थिति थी कि नॉर्मल पैरासिटामॉल टेबलेट भी उपलब्ध नहीं थी. जब बादशाह खान अस्पताल प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को इससे अवगत करवाया गया तब जाकर कहीं दवाई की पूर्ति काफी हद तक पूरी की गई.

टीका ना होने पर मरीज अस्पताल से वापस लौट रहे हैं.

एक बार फिर अब एंटी रेबीज टीका ना होने से लोग परेशान हैं. गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल ही एक सहारा होता है क्योंकि निजी अस्पताल का खर्च वो वहन नहीं कर सकते. लेकिन सरकारी व्यवस्था भी साथ ना दे दो ये उन गरीबों पर भारी पड़ जाता है. यही आलम है इन दिनों फरीदाबाद बादशाह खान अस्पताल का. जहां से रेबीज का टीका लगवाने वाले निराश होकर लौट रहे हैं.

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