फरीदाबाद:बढ़ते प्रदूषण के चलते हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 का स्तर भी पार कर चुका (Faridabad Air Quality Index) है, जोकि बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है. ऐसे में जहां बीमार लोगों के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है तो वहीं सेहतमंद लोगों को भी यह गंभीर स्थिति में पहुंचा सकता है.
आज की तारीख में कई फैक्ट्रियों की चिमनिया पाबंदियों के बावजूद लगातार धुआं उगल रही हैं, जिससे प्रदूषण में बढ़ोत्तरी हो रही है. डॉक्टरों के मुताबिक जहां प्रदूषण बड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है. वहीं छोटे बच्चों में सांस लेने की दिक्कत होने लगी है. एलर्जी होना, खांसी जुकाम होना और साथ ही बच्चों में उल्टी होने की शिकायत भी सामने आ रही है.
फरीदाबाद में स्मॉग चारों ओर दिखाई दे रहा (smog in faridabad) है. वहीं एनजीटी के आदेशों के बावजूद कई फैक्ट्रियां धुआं उगलते दिखाई दे रही हैं, जिससे शहर की हवा लगातार दूषित हो रही है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 का स्तर भी पार कर चुका है. बिगड़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए बच्चों के स्पेशलिस्ट डॉ. विकास गोयल ने बताया कि जैसे-जैसे फरीदाबाद में AQI लेवल की स्थिति बिगड़ रही है, वैसे-वैसे फरीदाबाद के सिविल अस्पताल बादशाह खान में बीमार हो रहे बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
बढ़ते प्रदूषण से बीमार नौनिहालों की संख्या में बढ़ोत्तरी उन्होंने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के चलते छोटे बच्चों में सांस लेने की दिक्कत होना, नाक बहना, नाक की एलर्जी होना, खांसी-जुकाम होना और उसके साथ-साथ बच्चों में उल्टी होने की शिकायत भी सामने आ रही है. ऐसे बीमार बच्चों की संख्या लगातार अस्पताल में बढ़ रही है, जिनमे नवजात से लेकर 5 साल के बच्चों की संख्या ज्यादा है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो बच्चों को इस बढ़ते स्मॉग से बचाना है. अगर जरूरी ना हो तो बच्चों को घर के बाहर लेकर ना निकलें. ज्यादातर समय घर में ही बिताएं, स्मॉग से होने वाले खतरे से बचने के लिए बच्चे की स्किन को टिशू या किसी साफ कपड़े से साफ करते रहें जिससे उन्हें स्किन सम्बन्धी बीमारी से बचाया जा (air pollution in faridabad) सके.
सेहतमंद लोगों की भी स्थिति गंभीर आप मास्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि यदि बच्चों को कुछ असर नजर आ रहा है तो ऐसे में बच्चों को स्कूल और भीड़भाड़ वाली जगह पर न भेजें और अपने डॉक्टर से सलाह लें. लापरवाही न बरतें. वहीं बढ़ते प्रदूषण को लेकर स्कूली छात्राओं ने बताया कि दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है. बच्चों का कहना था कि पराली जलाने और दिवाली के पटाखों के चलते बहुत ज्यादा वायु प्रदूषण हो चुका है और उन्हें पढ़ाई में भी परेशानी हो रही है.
फरीदाबाद एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 450 के पार