भिवानी: कपास की फसल को सफेद मक्खी के प्रकोप से बचने को लेकर स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में हिसार से चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने जिला में कार्यरत कृषि अधिकारियों को सफेद मक्खी से बचने के बारे में कई तरह के उपाय बताए.
कृषि अधिकारियों द्वारा गांव में जाकर किसानों को सफेद मक्खी से बचाव के बारे में जागरूक करेंगे. कार्यशाला के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि भिवानी में करीब 88,000 हेक्टेयर भूमि पर कपास की फसल है. उन्होंने बताया कि कपास में मुख्य रूप से सफेद मक्खी थिरप्स और दीमक नुकसान करते हैं. फिलहाल जिले में सफेद मक्खी का प्रकोप बना हुआ है.
उन्होंने बताया कि जिला में 88,000 हेक्टेयर कपास की फसल में करीब 30,000 हेक्टेयर में करीब 51 से 75% पर सफेद मक्खी का प्रकोप है. उन्होंने बताया कि सफेद मक्खी एक ही फसल पर नहीं बल्कि विभिन्न फसलों पर जीवित रहती है. ये प्रवासी तरह की किट है जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ जा सकती है. उन्होंने बताया कि सफेद मक्खी जुलाई से सितंबर महीने में ज्यादा आती है.