चरखी दादरी: कहने को तो इस स्कूल का नाम मॉडल संस्कृति स्कूल (charkhi dadri school waterlogging) है, लेकिन यहां के हालात सामान्य स्कूलों से भी बदतर हैं. पानी से लबालब हुए इस स्कूल में विद्यार्थियों को भय के साये में पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है. हालांकि बार-बार स्कूल द्वारा प्रशासन व उच्चाधिकारियों को पत्र लिखे गए, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. हालातों को लेकर मंगलवार को पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने स्कूल का निरीक्षण किया और अधिकारियों से निकासी के बारे में बात की. उन्होंने साथ ही कहा कि वे इस समस्या के समाधान के बारे में सीएम व डिप्टी सीएम को चिट्ठी भी लिखेंगे.
बता दें कि पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण शहर का संस्कृति मॉडल स्कूल परिसर पानी से लबालब हो गया है. बारिश का पानी स्कूल के कमरों में भी कई फीट तक जमा होने से जुगाड़ के सहारे विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है. स्कूल में पानी जमा होने के कारण बच्चे भी पानी से होकर स्कूल पहुंच रहे हैं. पानी से निकलने के दौरान बच्चों व स्कूल स्टाफ सदस्यों को काफी परेशानियां हो रही हैं.
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हालांकि स्कूल प्रबंधन द्वारा कई बार प्रशासन व उच्चाधिकारियों को अवगत भी करवाया गया. बावजूद इसके पानी निकासी के कोई ठोस प्रबंध नहीं हुए. मंगलवार को पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने स्कूल पहुंचकर शिक्षा अधिकारियों संग निरीक्षण भी किया. इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी जेपी सभ्रवाल ने पूर्व मंत्री को बताया कि कई बार प्रशासन व उच्चाधिकारियों को पत्र लिखे जा चुके हैं. हालात खराब हैं, अगर ऐसा ही रहा तो बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाएगा.
स्कूल में भरा हुआ बारिश का पानी वहीं पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि हर साल स्कूल में पानी जमा होता है. ऐसे में सरकार व अधिकारियों को पहले से ही पुख्ता प्रबंध करने चाहिए थे, लेकिन अधिकारियों की नाकामी के कारण विद्यार्थियों व स्कूल स्टाफ को काफी परेशानियां हो रही हैं. उन्होंने कहा कि सीएम को भी चाहिए कि वे मंत्रियों को यहां भेजे और हालातों को देखकर पुख्ता प्रबंध करें. हालांकि इस बारे में अधिकारियों से बात हुई है. फिर भी पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं हुए तो वे इस बारे में सीएम व डिप्टी सीएम को खत लिखेंगे, और फिर भी कुछ नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जा सकता है.
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इस दौरान इनेलो के प्रदेश सचिव आनंद श्योराण भी स्कूल में पहुंचे. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने तीन दिन में कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो इनेलो अपने स्तर पर यहां पाइपें व मोटरें लगाकर पानी निकासी करवाएगी. क्योंकि पानी निकासी करवाने में सरकार की नाकामी सामने है. अगर जरूरत पड़ी तो इनेलो अपने स्तर पर आंदोलन भी करेगी.