चरखी दादरी: शुक्रवार को नगर परिषद के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए पार्षदों की बैठक हुई. वाइस चेयरमैन समेत 14 पार्षद नगर परिषद चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला पाए. जिसकी वजह से चुनाव अधिकारी एसडीएम डॉक्टर वीरेंद्र सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव बारे में सौंपे गए शपथ पत्रों को खारिज कर दिया.
अब बीजेपी समर्थित संजय छपारिया ही नगर परिषद के चेयरमैन पद पर बने रहेंगे. अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान करने पहुंचे 21 में से 15 पार्षदों ने वोट डाले. जिनमें से 13 वोट चेयरमैन के खिलाफ गए. एक वोट रद्द हो गया और एक वोट चेयरमैन के पक्ष में पड़ा.
नगर परिषद चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग बता दें कि 16 फरवरी को नगर परिषद के इनेलो समर्थित वाइस चेयरमैन दीपक उर्फ बबलू श्योराण समेत 14 पार्षदों ने चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तत्कालीन डीसी को शपथ पत्र सौंपा था. इसके बाद प्रशासन ने बैठक की तारीख तय की. जिसके बाद चेयरमैन संजय छपारिया अविश्वास प्रस्ताव लाने पर हाई कोर्ट से स्टे ले आए थे. इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्षधर पार्षदों ने स्टे हटवाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की.
दो अक्तूबर को चेयरमैन संजय छपारिया ने स्टे याचिका वापस ले ली थी. इसके बाद प्रशासन ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए शुक्रवार 30 अक्टूबर का दिन निर्धारित किया. इसके लिए चुनाव अधिकारी एसडीएम डॉक्टर वीरेंद्र सिंह को लगाया गया और सभी नगर पार्षदों को मतदान के लिए पत्र जारी किया गया. सुबह 11 बजे से ही लघु सचिवालय परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया.
सुरक्षा के बीच चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग शुरू की गई. काफी देर तक इंतजार के बाद शहर के कुल 21 पार्षदों में से 15 नगर पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान करने पहुंचे. करीब एक घंटे की प्रक्रिया के दौरान वोटिंग में 13 पार्षद ने चेयरमैन के खिलाफ वोट दिया. एक वोर रद्द हो गया और एक वोट जो खुद चेयरमैन संजय छपारिया का था वो उनके पक्ष में गया.
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बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए चेयरमैन के खिलाफ 14 वोट होने चाहिए थे. एक वोट रद्द होने की वजह से इसकी संख्या 13 रह गई. जिसकी वजह से पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं कर पाए. नगर परिषद के वाइस चेयरमैन दीपक उर्फ बबलू के नेतृत्व में 14 फरवरी को 11 पार्षदों ने तत्कालीन डीसी को शपथ पत्र सौंपकर नप के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी. नगर पार्षदों का कहना था कि चेयरमैन द्वारा विकास कार्यों में कोताही बरती जा रही है. कुछ क्षेत्रों में ही विकास करवाया गया है.