चरखी दादरी:जिले का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल इन दिनों मानो खुद बीमार चल रहा है. आलम यह है कि यहां डॉक्टरों के आधे से भी ज्यादा पद खाली हैं. ऐसे में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है इस बात का अंदाजा मरीजों की खासी भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है. और तो और अल्ट्रासाउंड मशीन कंडम होने के बाद से बंद कमरे में धूल फांक रही हैं. इसकी वजह से मरीजों को टेस्ट के लिए निजी डायग्नॉस्टिक सेंटर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. गर्भवती महिलाओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में सहकारिता मंत्री रहते हुए सतपाल सांगवान द्वारा दक्षिण हरियाणा का एकमात्र 100 बेड का आधुनिक अस्पताल बनवाया गया था. अब जिले के इकलौते सिविल अस्पताल में ना डॉक्टर, ना फार्मासिस्ट और ना ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं. खाली पदों के चलते यहां एक खिड़की पर ही दवा वितरित की जाती हैं. इस बारे में स्थानीय लोग काफी समय से सरकार व स्वास्थ्य विभाग से यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों, सहायक कर्मियों की नियुक्तियों की मांग करते रहे हैं लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है.
डॉक्टरों के 26 पद खाली-सामान्य सरकारी अस्पताल के अलावा जिलेभर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वीकृत चिकित्सकों की 93 पोस्ट हैं, जबकि 26 चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं. कई पीएचसी व सीएचसी ऐसे हैं जहां कोई चिकित्सक है ही नहीं. वहीं फार्मासिस्ट पद पर भी कोई कार्यरत ही नहीं है. प्रशिक्षुओं से कार्य चलाने का प्रयास किया जा रहा है.