चरखी दादरी:जिले के कपूरी गांव के छात्रों को गांव का स्कूल अपग्रेड नहीं होने की वजह से छात्र-छात्राओं को अपना भविष्य संवारने के लिए पांच किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता है. कभी स्कूल में लेट तो कभी घर में लेट आने की चिंता सताती है. यहां से गुजरने वाली रोडवेज बसें नहीं रुकने का खामियाजा इस गांव के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है. यहां हादसे का भी अंदेशा बना रहता है.
पैदल चलकर जाने को मजबूर छात्र
बता दें कि गांव कपूरी में पांचवीं कक्षा तक स्कूल है. पांचवीं के बाद गांव के बच्चों को पढ़ने के लिए या तो पांच किलोमीटर दूर गांव मोड़ी या फिर 8 किलोमीटर दूर दादरी शहर में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. गांव से पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित बस स्टैंड पर रोडवेज बसें नहीं रुकती है. जिसकी जिसकी वजह से उन्हें पैदल जाना पड़ता है. इतना ही नहीं स्कूल में देरी से पहुंचने पर इन छात्रों को डांट भी खानी पड़ती हैं. कई बार तो बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचने पर विवश होना पड़ता है.
पसीने से लथपथ होकर स्कूल पहुंचते है छात्र
ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को गांव मोड़ी तक की पांच किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती है. ऐसे में सुबह और दोपहर के समय बच्चे पसीने से लथपथ होकर स्कूल और घर पहुंचते हैं. दूसरे गांव के स्कूलों में जाने से छात्राओं को ज्यादा परेशानियां झेलनी पड़ती है. ग्रामीणों ने बताया कि वाहनों की संख्या भी इन रूटों पर कम है और इसके चलते बच्चों को पैदल ही स्कूल पहुंचना पड़ता है.