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निजीकरण के विरोध में रोडवेज यूनियनों ने दी हड़ताल पर जाने की चेतावनी

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Published : Feb 9, 2022, 7:50 PM IST

हरियाणा सरकार द्वारा प्राइवेट बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करने को लेकर चरखी दादरी में रोडवेज की तालमेल कमेटी द्वारा सभी यूनियनों को एकजुट करते हुए साझा मोर्चा बनाकर फिर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी गई.

haryana roadways union meeting
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चरखी दादरी:सरकार द्वारा हरियाणा रोडवेज के बेड़े में अब बड़े स्तर पर नई बसों के शामिल करने की योजना चल रही है. जिसके विरोध में बुधवार को चरखी दादरी में रोडवेज की तालमेल कमेटी द्वारा सभी यूनियनों को एकजुट करते हुए साझा मोर्चा बनाकर फिर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी गई. साथ ही सरकार को फाइनल अल्टीमेटम देते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया गया है.

हरियाणा रोडवेज की 12 यूनियनों व तालमेल कमेटी ने मिलकर साझा मोर्चा का गठन करते हुए चार कमेटियां बनाकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है. इसी कड़ी में बुधवार को साझा मोर्चा के सदस्य ओमप्रकाश ग्रेवाल, नरेंद्र दिनोद व रणबीर गहलौत की अगुवाई में दादरी डिपो में कर्मचारियों की मीटिंग का आयोजन किया गया. मीटिंग में कर्मचारियों ने सरकार पर वायदा खिलाफी व मांगें पूरी नहीं होने का आरोप लगाया है. तालमेल कमेटी व साझा मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश ग्रेवाल ने कहा कि सरकार द्वारा प्राइवेट बसों को बेड़े में शामिल करने की तैयारी की जा रही है.

इसके चलते रोडवेज का निजीकरण होना संभव है. ऐसे में प्राइवेट बसों को हरियाणा रोडवेज विभाग में किसी भी सूरत में शामिल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि साझा मोर्चा रोडवेज विभाग बचाने, नई बसें शामिल करने, पुरानी पेंशन नीति बहाल सहित कई मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेगा. रोडवेज की सभी यूनियनें एकजुट हो गई हैं और 22 फरवरी को रोहतक में आंदोलन को लेकर रूपरेखा तैयार करने के बाद कई बड़े फैसले लिए जाएंगे, अगर जरूरत पड़ी तो फिर से कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे.

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बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों की मांग है कि सभी विभागों में पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए. सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, खाली पदों पर पक्की भर्ती करना योग्यता के आधार पर चालक को तकनीकी निरीक्षक के पद पर प्रमोट किए जाएं, 1992 से लेकर 2002 तक के कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए, बकाया बोनस का भुगतान किया जाए, निजी बसें ठेके पर लेने की नीति रद्द की जाए और अनुकंपा अधिनियम 1964 को पहले की तरह लागू किया जाए.

मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने की नीति में लगाई गई शर्तें हटाने, कोरोना महामारी से मृतक रोडवेज कर्मचारियों के परिवारों को एक्सग्रेसिया बीमा पालिसी के तहत 50 लाख रुपये मुआवजा देने, वेतनमान अपग्रेड करने, परिचालक व लिपिकों का 35,400 वेतनमान अपग्रेड करने सहित अन्य कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने, सभी कर्मचारियों को 5000 रुपये जोखिम भत्ता देने, कच्चे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, रोडवेज के बेड़े में 10 हजार बसें शामिल करना, परिवहन समिति की बसों को लंबे रूटों पर परमिट देना नीति को रद्द करना उनकी प्रमुख मांगें हैं.

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