चरखी दादरीः साल 2010 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई 1983 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती को रद्द करने के बाद से पिछले 12 दिन से पीटीआई शिक्षक अनशन पर बैठे हैं. पीटीआई शिक्षकों का कहना है कि नौकरी बहाली को लेकर मरते दम में आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. सरकार द्वारा उन पर जो टेस्ट देने का दबाव बनाया जा रहा है, हम टेस्ट नहीं देंगे और इसी पद पर ही नौकरी लेकर रहेंगे.
दादरी में लघु सचिवालय के सामने धरने पर बैठे पीटीआई शिक्षक पिछले 12 दिन से अनशन पर बैठे हैं. धरने पर कई सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया और सरकार से इनकी बहाली की मांग की. साथ ही कहा कि अगर सरकार नौकरी बहाल नहीं करती है तो हटाए गए पीटीआई टीचरों के आंदोलन में हर सहयोग देंगे.
दादरी में अनशन पर बैठे PTI शिक्षक, बोले- नौकरी के लिए लड़ेंगे मरते दम तक लड़ाई हर रोज 5 शिक्षकों का आमरण अनशन
धरने पर संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि जब तक सरकार बैकफुट पर नहीं आती, सरकार हमें नौकरी पर वापस नहीं ले लेती, तब तक धरना व अनशन जारी रहेगा. हर रोज पांच पीटीआई शिक्षक आमरण अनशन पर बैठेंगे. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया और कहा कि मांग को लेकर सरकार को सोचने के लिए मजबूर करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें आगे के भविष्य के बारे में चिंता हो रही है.
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क्या है शिक्षकों की मांग
शिक्षकों ने कहा नियुक्त हुए टीचर दस साल से अधिक की सेवाएं पूरी कर चुके हैं, ऐसे में उनके सामने अब कोई और विकल्प भी नहीं है. साथ ही कहा कि जिन पीटीआई टीचरों की सेवा के दौरान मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को भी नौकरी देनी चाहिए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन करेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.