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नौकरी छोड़कर हरियाणा के किसान ने अपनाई ऑर्गेनिक खेती, पारंपरिक खेती के मुकाबले दो गुना ज्यादा कमाई

Organic Farming In Haryana: हरियाणा के किसान तेजी से ऑर्गेनिक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. जिससे किसान पारंपरिक खेती के मुकाबले ज्यादा कमाई कर रहे हैं. चरखी दादरी के किसान सुरेंद्र ने भी निजी नौकरी छोड़ जैविक खेती की शुरुआत की. आज सुरेंद्र की गिनती हरियाणा के प्रगतिशील किसानों में होती है.

organic farming in haryana
हरियाणा के किसान ने अपनाई ऑर्गेनिक खेती,

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 24, 2023, 1:18 PM IST

पारंपरिक खेती को छोड़कर हरियाणा के किसान ने अपनाई ऑर्गेनिक खेती,

चरखी दादरी: हरियाणा के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर जैविक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. जिसके जरिए किसानों कम मेहनत, कम टाइम और कम लागत में ज्यादा मुनाफा हो रहा है. ऐसी ही कहानी है चरखी दादरी के सुरेंद्र कुमार की. उन्होंने निजी नौकरी को छोड़कर रेतीली जमीन पर सब्जियों की ऑर्गेनिक खेती शुरू की.

ऑर्गेनिक खेती के जरिए सुरेंद्र बने प्रगितिशील किसान: इन ऑर्गेनिक सब्जियों की बदौलत अब सुरेंद्र कुमार की पहचान प्रगतिशील किसानों में होती है. जैविक तरीके से खेती कर अब सुरेंद्र पारंपरिक खेती के मुकाबले दोगुना मुनाफा कमा रहे हैं. सुरेंद्र बिना कोई रसायन खाद के खेती करते हैं. वो खाद को गोबर से तैयार करते हैं. जिससे वो सब्जियों के बीज और पौधे को भी तैयार करते हैं.

सुरेंद्र चरखी दादरी के घोसला गांव के रहने वाले हैं. करीब 11 साल पहले उन्होंने निजी नौकरी छोड़कर ऑर्गेनिक खेती करने का फैसला किया. इसके लिए सबसे पहले सुरेंद्र ने सरकार की किसान पाठशाओं से नए तरीके से खेती करना सीखा और अब वो परंपरागत खेती के मुकाबले दोगुना मुनाफा कमा रहे हैं. किसान सुरेंद्र ने करीब डेढ़ एकड़ में गाय के गोबर से खाद बनाई. जिससे एक सीजन में चार सब्जियों की पैदावार की.

इससे उन्हें कम लागत में डबल मुनाफा हो रहा है. इसके अलावा किसान ने पोर्टल पर आवेदन करते हुए योजनाओं का लाभ लेकर खेत में सोलर सिस्टम के अलावा इरिगेशन व मल्चिंग भी लगाया है. किसान सुरेंद्र कुमार ने बताया कि घर-परिवार चलाने के लिए सरकार की किसान पाठशाला से आधुनिक खेती के बारे में जानकारी मिली और सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए खेती से दोहरा मुनाफा कमा रहे हैं.

मैं पहले अपने बुजुर्गों की तर्ज पर पारंपरिक खेती कर रहा था. जिससे घर चलाने में काफी मुश्किलें आने लगी. इसके बाद मैंने पारंपरिक खेती को छोड़कर सरकार की किसान पाठशाला से जैविक खेती के बारे में जाना. उसके आधार पर पहले मैंने आधा एकड़ में सब्जियां लगाई. शुरुआत में इतना अच्छा रिजल्ट नहीं आया, लेकिन मैंने फिर अधिक मेहनत की इसके अलावा सरकार ने भी मदद की. इरिगेशन सिस्टम के लिए सब्सिडी दी. इसके बाद सरकार ने सोलर प्लांट भी लगवा दिया. सरकार की तरफ से मुझे बहुत सहायता मिली. फिर मैं बड़े-बड़े सब्जी मेलों में जाने लगा. जहां मैंने सीखा कि कैसे मार्केटिंग की जाती है. अगर किसान जैविक खेती लगन से करें तो इसमें बहुत अच्छा करियर बनाया जा सकता है. – सुरेंद्र, किसान

उन्होंने बताया कि वो एक सीजन में सब्जियों की अलग-अलग प्रकार की चार फसलें उगाकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं. इसके अलावा किसान सुरेंद्र ने मेलों में सब्जियों से कमाई की मार्केटिंग सीखी है. इस बारे वो दूसरे किसानों को भी ऑर्गेनिक खेती का आह्वान कर रहे हैं. वहीं किसान के जज्बे को कृषि विभाग ने भी सराहते हुए दूसरे किसानों को भी ऐसी खेती करने की सलाह दी है. कृषि वैज्ञानिक चंद्रभान श्योराण ने कहा कि किसान का ये अच्छा प्रयास है. रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करना अच्छी पहल है, इससे दूसरे किसानों को भी प्रेरणा मिलेगी.

नौकरी छोड़कर हरियाणा के किसान ने अपनाई ऑर्गेनिक खेती.

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