चरखी दादरी: प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सरसों की फसल खरीदने के लिए अप्रैल माह में आदेश जारी किए थे. किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाए और मंडी अधिकारियों द्वारा टोकन मिलने के बाद अपनी सरसों की फसल भी बेच दी.
सरसों का भुगतान नहीं किया जाएगाएक महीने के बाद फसल का भुगतान का इंतजार कर रहे किसानों को फरमान मिला कि उनको भुगतान नहीं किया जाएगा. खरीदी गई फसल जो गोदामों में रखी है, किसान उसे वापस लें. ऐसे में किसानों व आढ़तियों ने रोष जताते हुए बड़ा आंदोलन करने के साथ-साथ कोर्ट का दरवाजा खटखाने का निर्णय लिया है. वहीं मंडी अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में वे उच्चाधिकारियों से पत्र व्यवहार कर रहे हैं, जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा. 16 करोड़ रुपए की सरसों खरीद टोकन हुए थे जारीआढ़तियों और किसानों की मानें तो मार्केट कमेटी द्वारा करीब 1500 किसानों की 16 करोड़ रुपए की सरसों खरीद के लिए टोकन जारी किए थे. खरीद एजेंसियों द्वारा सरसों खरीदकर गोदामों में भी रखवा दिया गया था. अब भुगतान नहीं होने पर किसान मार्केट कमेटी कार्यालय पहुंचे तो उनको जानकारी मिली कि उनकी सरसों खरीदी ही नहीं गई.खातों में नहीं आए रुपयेकिसानों ने बताया कि सरकारी भाव पर सरसों की बिक्री के लिए अप्रैल के दूसरे सप्ताह में रजिस्ट्रेशन करवाया था. उन्होंने सरकारी खरीद एजेंसी के पास अपने सभी जरूरी कागजात जमा करवा दिए, जिसके बाद उनकी सरसों सरकारी भाव पर कर खरीदी गई तथा तुलाई भी करवा दी, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी उनके बैंक खाते में सरसों बिक्री की राशि नहीं डाली गई. अब खरीद एजेंसी के कर्मचारी की कॉल आई कि उनके कागजातों में कमी है, इसलिए उन्हें सरसों की पेमेंट नहीं की जा सकती है. ऐसे में अब किसान को अपनी सरसों वापस ले जानी होगी. अधिकारियों का फरमान, गोदाम में रखी अपनी सरसों वापस लें किसान 'किसानों के साथ मिलकर करेंगे आंदोलन, कोर्ट जाएंगे'
मंडी प्रधान रामकुमार रिटोलिया ने बताया कि आढ़ती किसानों के साथ हैं और बिक्री हुई फसल का पूरा भुगतान लेंगे. ऐसे नियमों से तो मार्केट कमेटी अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसानों व आढ़तियों को काफी नुकसान होगा. इस मामले को लेकर मीटिंग करके बड़ा आंदोलन करेंगे और कोर्ट की शरण लेंगे.