चंडीगढ़: देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आजादी के 75 सालों में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. शिक्षा, खेल, राजनीति, बिजनेस से लेकर हर क्षेत्र में भारतीयों ने सफलता के झंडे गाड़े हैं. लेकिन किसी देश की उपलब्धि उसकी नारी शक्ति (Nari Shakti) के बिना अधूरी है. आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं लेकिन देश में वो दौर भी रहा जब देश की आधी आबादी शिक्षा के अभाव में हर मोर्चे पर पिछड़ी हुई थी. ऐसे में कुछ महिलाएं ऐसी मिसाल बनीं, जिन्होंने देश की आधी आबादी के लिए मशाल का काम किया. ऐसी ही हस्ती थीं, हरियाणा की पहली महिला विधायक और पहली महिला सांसद चंद्रावती देवी (Chandrawati devi). राजनीति के क्षेत्र में चंद्रावती देवी की उपलब्धियां कई लोगों को उनका मुरीद बनाती हैं.
चंद्रावती देवी का जन्म 3 सितंबर 1928 को तत्कालीन पूर्वी पंजाब में हुआ था. आज उनका गांव डालावास हरियाणा प्रदेश के दादरी जिले में आता है. वो हरियाणा की पहली विधायक और सांसद के अलावा हाईकोर्ट की पहली अधिवक्ता भी थीं. चंद्रावती देवी ने सियासत से लेकर कानून के क्षेत्र में महिलाओं के लिए नई राह खोली और पुरुष प्रधान समाज को बताया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है. उनसे प्रेरणा लेकर आधी आबादी राजनीति, कला, खेल समेत तमाम क्षेत्रों में बुलंदी पर हैं.
हरियाणा की पहली महिला सांसद- साल 1977 में चंद्रावती देवी संसद पहुंचने वाली हरियाणा की पहली महिला सांसद (first woman member of parliament from Haryana) बनी. 1977 में छठी लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में उन्होंने भिवानी लोकसभा सीट से जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बंसी लाल को भारी अंतर से हराया था. बंसी लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. उस वक्त राजनीति और खासकर संसद में महिलाओं की भागीदारी ना के बराबर थी. लेकिन चंद्रावती ने लोकसभा चुनाव में करीब 68 फीसदी वोट लेकर रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी.
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक 1977 में चंद्रावती ने 2 लाख 89 हजार 135 वोट हासिल किए थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को 1 लाख 27 हजार 893 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. माना जाता है कि आपातकाल का फायदा चंद्रावती को मिला था. लेकिन उनकी इस जीत के बाद हरियाणा की आधी आबादी के लिए देश की सबसे बड़ी पंचायत तक पहुंचने का रास्ता खुल गया.
हरियाणा की पहली महिला विधायक भी थीं- वैसे जब चंद्रावती ने लोकसभा चुनाव जीता था तो संसद तो उनके लिए नई थी लेकिन सियासत से उनका पुराना नाता था. हरियाणा की पहली सांसद बनने से पहले वो प्रदेश की पहली महिला विधायक (First woman MLA of haryana) भी थीं. साल 1954 में संयुक्त पंजाब में हुए चुनाव में वो बाढड़ा विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई थीं. इसके बाद वो 1964 से 1966 और 1972 से 1974 तक राज्य सरकार में मंत्री भी रहीं. हरियाणा की पहली महिला विधायक (Haryana first woman MLA) के रूप में भी चंद्रावती को याद किया जाता है.