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ग्रीन कॉरिडोर मामला: 'केंद्र की मदद से प्रदेश सरकार किसानों की मांग करेगी पूरी' - naina chautala on green corridor case

जेजेपी विधायक नैना चौटाला ने कहा कि वो भी किसानों के धरना प्रदर्शन में शामिल हो चुकी हैं. वो खुद मानती हैं कि किसानों की मांग जायज है, जिसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए.

जेजेपी विधायक नैना चौटाला

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Published : Nov 21, 2019, 6:19 PM IST

चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152-डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा मांग को रहे किसान पिछले 8 महीनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक किसानों को किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं मिला है. किसानों की मांग को विधायक नैना चौटाला ने जायज बताया और कहा कि इस मामले में किसानों की मुलाकात सरकार ने होनी चाहिए.

ग्रीन कॉरिडोर मामले पर नैना चौटाला का बयान
जेजेपी विधायक नैना चौटाला ने कहा कि वो भी किसानों के धरना प्रदर्शन में शामिल हो चुकी हैं. वो खुद मानती हैं कि किसानों की मांग जायज है, जिसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग केंद्र सरकार के अंदर आती है. इसके लिए किसानों की प्रदेश सरकार से मुलाकात होनी चाहिए और फिर प्रदेश सरकार को किसानों की मांग केंद्र सरकार तक पहुंचानी चाहिए.

क्लिक कर सुनें क्या बोली नैना चौटाला

जनता का धन्यवाद करने पहुंची नैना
बता दें कि नैना चौटाला गुरुवार को दादरी के बाढड़ा हलके में धन्यवाद दौरा करने पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने बाढड़ा के ढाणी फौगाट, टिकान कलां, पातुवास और महराणा गांवों में जाकर ग्रामीणों का धन्यवाद किया. वहीं मीडिया से बात करते हुए नैना चौटाला ने कहा कि ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन मामले को किसानों की मुलाकात सरकार ने होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से किसानों की समस्याओं का समाधान करेगी.

ये है ग्रीन कॉरिडोर योजना
ग्रीन कॉरिडोर दक्षिण हरियाणा को उत्तर और पूर्व हरियाणा को जोड़ने वाला राजमार्ग है. ये राजमार्ग नारनौल से कुरूक्षेत्र के गंगहेड़ी तक 227 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा. इस राजमार्ग की चौड़ाई 70 मीटर है और इस मार्ग में 4 लेन होंगे. इस कॉरिडोर के बनने से दक्षिण हरियाणा से चंडीगढ़ का सफर कम समय में पूरा होगा.

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सरकार दे रही है अनुचित राशि
सरकार इस मामले में किसानों को नियमानुसार मुआवजा देना चाह रही है, जो किसानों को उचित नहीं लग रहा है. हालांकि प्रदेश सरकार जमीन का कलेक्टर रेट भी बढ़ाया गया, इसके बावजूद भी किसानों का कहना है कि ये मुआवजा राशि सही नहीं है.

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