हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

चरखी दादरी: दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान

चरखी दादरी में दो करोड़ प्रति एकड़ के मुआवजे की मांग को लेकर खातीवास गांव के किसान धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जाता. तब तक वो अपनी जमीन का अधिग्रहण नहीं होने देंगे.

Khatiwas village farmers protest for compensation in charkhi dadri
दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे खातीवास गांव के किसान

By

Published : Nov 9, 2020, 3:37 PM IST

चरखी दादरी:ग्रीन कॉरिडोर 152 डी नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित जमीन का दो करोड़ रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग को लेकर खातीवास गांव के किसान पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं. सोमवार को धरने पर बैठे किसानों ने प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर प्रशासन उनकी जमीन का कब्जा लेने पहुंचेगा तो कब्जा नहीं लेने देंगे. इसके लिए चाहे उन्हें किसी भी हद तक जाना पड़े.

बता दें कि, खातीवास गांव के करीब 4 किलोमीटर के क्षेत्र में निर्माणाधीन नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य किसानों ने रोक रखा है. क्योंकि किसान अपनी जमीन का प्रति एकड़ दो करोड़ रुपये का मुआवजा मांग रहे हैं. इस जमीन पर प्रशासन व एनएचआई द्वारा 11 नवंबर को कब्जा किया जाएगा. जिसके विरोध में किसान धरना प्रदर्शन करते हुए आगामी रणनीति बनाई और किसानों की ड्यूटियां भी लगाई.

दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे खातीवास गांव के किसान

पिछले एक साल से किसान कर रहे धरना प्रदर्शन

धरने की अगुवाई करते हुए किसान नेता अनूप खातीवास ने कहा कि किसानों ने उचित मुआवजा की मांग को लेकर पिछले एक वर्ष तक अनिश्चितकालीन धरना दे रखा था. कोरोना के चलते प्रशासन के आश्वासन पर धरना स्थगित कर दिया गया था. अब प्रशासन व एनएचआई उनकी जमीन पर पुराने रेटों अनुसार ही कब्जा कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं.

जब तक मुआवजा नहीं दिया जाता, जमीन नहीं देंगे: किसान

किसानों ने कहा कि उनकी जमीन का प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए का मुआवजा बनता है, लेकिन उनको बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है. ऐसे में वे अपनी जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे. इसेक लिए चाहे उन्होंने कुछ भी करना पड़े. करीब साढ़े चार सौ किसान अपनी जमीन बचाने व उचित मुआवजा की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

ये भी पढ़ें:चंडीगढ़ में पटाखे बैन होने से मुरझाए व्यापारियों के चेहरे, फैसले को बताया तुगलकी फरमान

ABOUT THE AUTHOR

...view details