चरखी दादरी:जाट नेता यशपाल मलिक (Yashpal Malik) द्वारा फिर से जाट आरक्षण को लेकर आंदोलन शुरू करने की बात पर जाट समाज के लोग विरोध में उतर आए हैं. रविवार को चरखी दादरी में जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मीटिंग हुई (Jat community meeting charkhi dadri) जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा, आरक्षण को लेकर कोई आंदोलन शुरू नहीं किया जाएगा. साथ ही अल्टीमेटम भी दिया कि कृषि कानूनों के रद्द होने तक भाजपा-जजपा नेताओं का विरोध जारी रखेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.
जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मीटिंग गांव पांडवान में वरिष्ठ नेता राजबीर शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई. जिसमें जिलेभर से जाट समाज के साथ-साथ आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी पहुंचे. करीब दो घंटे चली मीटिंग में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक द्वारा दोबारा जाट आरक्षण शुरू करने का विरोध किया गया.
ये भी पढ़ें-किसानों को जबरन हटाया तो सरकारी दफ्तरों को बना देंगे गल्ला मंडी : टिकैत
जाट समाज के लोगों ने कहा कि ये यशपाल मलिक द्वारा किसान आंदोलन को भटकाने का प्रयास है, इसलिए दिल्ली में गत दिनों हुई मीटिंग में मलिक ने दोबारा से जाट आरक्षण के लिए आंदोलन करने की बात कही थी. ऐसे लोग आरएसएस व भाजपा के हैं जो दोगली राजनीति करते हैं. मीटिंग में सर्वसम्मति से राजकुमार हड़ोदी को पांच वर्ष के लिए जाट आरक्षण संघर्ष समिति का प्रधान नियुक्त किया गया. साथ ही जाट सेवक संघ का गठन करते हुए राजकरण सरपंच को चेयरमैन बनाया गया.
राजकुमार हड़ोदी व राजकरण सरपंच ने संयुक्त रूप से कहा कि यशपाल मलिक द्वारा किसान आंदोलन को भटकाने के लिए दोबारा आरक्षण शुरू करने का विरोध किया गया है. कृषि कानूनों के रद्द होने तक समाज के लोग किसान आंदोलन में विशेष भागेदारी सुनिश्चित करेंगे. इसके अलावा निर्णय लिया कि किसान आंदोलन के दौरान भाजपा-जजपा के नेताओं का विरोध करते रहेंगे और गांव में घुसने पर रोक लगाएंगे. इसके लिए गांव स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें-ऐलनाबाद उपचुनाव: किसानों ने किया बीजेपी उम्मीदवार गोविंद कांडा का विरोध