चरखी दादरी:हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी एक बार फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं. इस बार रोडवेज कर्मचारियों ने किलोमीटर स्कीम, राजपत्रित अवकाश, बेड़े में नई बसों को शामिल करने सहित कई मांगों को लेकर लामबंद हैं.
मांगों को लेकर रोडवेज कर्मियों ने किया प्रदर्शन कर्मचारियों ने मीटिंग करते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही अल्टीमेटम दिया कि उनकी मांगों का जल्द समाधान नहीं किया तो वे फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं. इस बार की हड़ताल अनिश्चितकालीन होगी. इस बारे में जल्द ही तालमेल कमेटी की कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर फैसला लिया जाएगा.
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कर्मचारियों ने की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य रोडवेज इंटक के प्रदेश अध्यक्ष अनूप सहरावत की अगुवाई में कर्मचारियों ने दादरी रोडवेज वर्कशाप परिसर में रोष मीटिंग की. मीटिंग के बाद दो घंटे का रोष प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी मांगे पूरी नहीं करने का आरोप लगाया.
अनूप सहरावत ने कहा कि सरकार ने परिवहन विभाग में चालक व परिचालकों को दिए जाने वाले राजपत्रित अवकाश में कटौती कर अन्याय किया है. इसके अलावा हरियाणा रोडवेज में सरकार की शह पर किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसों के मामले में 900 करोड़ रुपए का घोटाला किया है. किलोमीटर स्कीम घोटाले की सीबीआई से जांच करवाने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
क्या हैं मांगे ?
अनूप सहरावत ने कहा कि उनकी मांगों में मुख्य रूप से 14 हजार सरकारी बसों को रोडवेज बेड़े में शामिल करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व पंजाब के समान वेतनमान सहित कई मांगों यथावत रहेंगे. अगर सरकार ने समय रहते कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो रोडवेज कर्मचारी फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं. इस बार हड़ताल अनिश्चितकालीन हो सकती है.
2018 में हुई थी हरियाणा रोडवेज की सबसे लंबी हड़ताल
पिछले साल हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने 18 दिन लंबी हड़ताल की थी.हरियाणा रोडवेज की हड़ताल के समर्थन में सभी विभागों के दो लाख से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर थे. बता दें कि रोडवेज कर्मचारी निजीकरण और किलोमीटर स्कीम का विरोध कर रहे थे.