चरखी दादरी:हरियाणा सरकार की ओर से एक अप्रैल से सरकारी रेट पर रबी की फसलें खरीदने के दावे चरखी दादरी में हवा-हवाई साबित हुए. यहां ना तो किसी फसल की सरकारी खरीद शुरू हो पाई और ना ही किसान अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचे. अधूरे प्रबंधों और ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण आढ़तियों की ओर से मंडी अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
वहीं सरकारी रेट से ज्यादा भाव मिलने के कारण किसान मंडी से बाहर ही अपनी सरसों की फसल बेच रहे हैं. ऐसे में आढ़तियों का आरोप है कि मंडी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते तेल मिल मालिक बाहर से ही सरसों खरीदकर सरकार को मार्केट फीस और जीएसटी की लाखों रुपये की चपत लगा रहे हैं.