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बलाली में कुश्ती के गुर नहीं सीख पाएंगे खिलाड़ी, सरकार ने पौने 2 करोड़ के प्रोजेक्ट को रद्द किया

अंतरराष्ट्रीय पहलवान गीता, बबीता और विनेश फौगाट के गांव बलाली में ये स्टेडियम बनना था. सीएम ने 18 सितंबर 2016 में दादरी रैली में घोषणा की थी.

कुश्ती के गुर नहीं सीख पाएंगे खिलाड़ी

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Published : Feb 6, 2019, 6:46 PM IST

चरखी दादरी: अंतरराष्ट्रीय पहलवान गीता, बबीता और विनेश फौगाट के गांव बलाली में अब खिलाड़ी कुश्ती के गुर नहीं सीख पाएंगे. क्योंकि हरियाणा सरकार ने गांव में बनने वाले खेल स्टेडियम और एयर कंडिशन कुश्ती हॉल के पौने दो करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है.

सरकार के इस फैसले से खिलाड़ियों के सपनों को ग्रहण सा लगा है. पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने इसे लेकर बीजेपी पर क्षेत्रवाद का आरोप लगाया. वहीं बाढड़ा से बीजेपी विधायक सुखविंद्र मांढी ने मुख्यमंत्री से मिलकर प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने की बात कही.

मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 18 सितंबर 2016 को चरखी दादरी में रैली कर बलाली गांव में आधुनिक एयर कंडिशन कुश्ती हॉल और स्टेडियम बनाने की घोषण की थी. जिसके लिए सरकार ने पौने दो करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की.

पंचायत ने दी थी 10 एकड़ जमीन
दोनों प्रोजेक्ट के लिए खेल और पंचायत राज विभाग ने संयुक्त रूप से निर्माण प्रक्रिया शुरू की. लेकिन अब सरकार ने अपनी तीन साल पहले की इस घोषणा के प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है. अब अंतरराष्ट्रीय बहनों के गांव में ना खेल स्टेडियम बनेगा और ना ही आधुनिक कुश्ती हॉल.

बता दें कि गीता और बबीता ने अपने पिता द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर से कुश्ती के गुर इसी गांव की माटी में सीखे हैं. घर पर ही मैट लगाकर दोनों बहनों ने कुश्ती खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. इन बहनों से प्रेरणा लेकर अन्य लड़कियां और युवक भी महावीर की खेल नर्सरी में अभ्यास कर कुश्ती खेल में अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

सरपंच ने जताई नाराजगी

बलाली गांव के सरपंच अमित सांगवान ने बताया कि स्टेडियन और एयर कंडिशन कुश्ती हॉल निर्माण के लिए पंचायत ने 10 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई थी. खेल विभाग औप पंचायत विभाग ने टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी. लेकिन पता नहीं सरकार ने क्या सोचकर प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया.

द्रोणाचार्य अवॉर्डी पहलवान महावीर फौगाट का कहना है कि प्रदेश की सरकार स्टेडियम और कुश्ती हॉल प्रोजेक्ट को रद्द कर खिलाड़ियों की प्रतिभा दबाना चाहती है. ऐसे में सरकार ने क्षेत्र के सैंकडों युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरने से पहले ही मिट्टी में दबा दी है.

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