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Commonwealth Games 2022: CWG में गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगाने के इरादे से उतरेंगी विनेश फोगाट - बर्मिंघम में कामनवेल्थ गेम्स

भारत की धाकड़ पहलवानों में शुमार हरियाणा की बेटी विनेश फोगाट से कॉमनवेल्थ गेम्स (commonwealth games 2022) में एक बार फिर देश को मेडल की उम्मीद है. विनेश फोगाट पिछले दो बार से लगातार कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. एक बार फिर बर्मिंघम में उनसे मेडल जीतने की उम्मीद बढ़ गई है. हर कोई ये आशा कर रहा है कि विनेश इस बार गोल्ड मेडल की हैट्रिक बनायेंगी.

Gold Hat Trick Expected From Vinesh Phogat
चोट बनी थी विनेश फोगाट की ओलंपिक फतेह का रोड़ा, कॉमनवेल्थ में है गोल्ड की हैट्रिक की आस

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Published : Aug 2, 2022, 2:01 PM IST

Updated : Aug 2, 2022, 4:08 PM IST

चरखी दादरी: देश की मशहूर पहलवान गीता-बबीता की चचेरी बहन विनेश फोगाट बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल की प्रबल दावेदार हैं. विनेश पिछले दो कामनवेल्थ गेम्स में देश के लिए गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. विनेश ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 और 2018 में स्वर्ण पदक जीता था. विनेश से इस बार गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगाने की उम्मीद की जा रही है. विनेश फोगाट 53 किलोग्राम वेट कैटेगरी में एक बार फिर जब मैट पर उतरेंगी तो पूरे देश की नजर उन पर होगी.

विनेश फोगाट ने पहलवानी में अब तक कई बड़ी सफलता हासिल की है. कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स दोनों में गोल्ड मेडल जीतने वाली वो भारत की पहली महिला पहलवान हैं. विनेश 18 फरवरी 2019 को होने वाले लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड (Laureus World Sports Award) के लिए नॉमिनेट होने वाले पहली भारतीय रेसलर बनी थीं. विनेश की नेशनल और इंटरनेशनल उपलब्धियों को लेकर भारत सरकार उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन अवॉर्ड और भीम अवार्ड से सम्मानित कर चुकी है.

विनेश इस बार वह बर्मिंघम में गोल्ड मेडल की हैट्रिक बनाने के इरादे से उतरेंगी.

विनेश फोगाट बचपन से गीता और बबीता फौगाट के पिता और अपने ताऊ द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट कुश्ती के गुर सीखे हैं. पूरे देश की तरह परिवार को भी विनेश से मेडल जीतने की उम्मीद है. विनेश फोगाट की दोनों बड़ी बहनें गीता और बबीता फोगाट ने भी कुश्ती में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. गीता फोगाट कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और ओलंपिक समर गेम्स के लिए चुनी जाने वालीं पहली भारतीय महिला कुश्ती खिलाड़ी भी रही हैं. बबीता फोगाट कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में गोल्ड और 2018 में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं.

विनेश दो बार कॉमनवेल्थ में गोल्ड हासिल कर चुकी हैं.
बलाली गांव में हुआ है जन्म- विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 को बलाली गांव चरखी दादरी में हुआ (Balali Village Of Charkhi Dadri) था. उन्होंने 2019 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप (world wrestling championship) में ब्रॉन्ज मेडल जीता और टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनीं थीं. विनेश फोगाट के कॉमनवेल्थ में जाने से परिजनों व उनके गांव के लोगों में खुशी का माहौल हैं. कॉमनवेल्थ में विनेश फोगाट के प्रदर्शन पर देश भर के लोगों की निंगाहे रहेंगी.
विनेश फोगाट की चोट से रियो आलंपिक में चोटिल हो गई थी.

पिता की मृत्यु के बाद ताऊ ने संभाला-विनेश के पिता की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी. ऐसे में उसके ताऊ महाबीर फोगाट ने विनेश का पालन-पोषण किया. उन्होंने अपनी दोनों बेटियों गीता और बबीता के साथ विनेश को भी पहलवानी के गुर सिखाए. विनेश फोगाट ने भी अपने ताऊ और बहनों को निराश नहीं किया. अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत विनेश ने कॉमनवेल्थ, एशियन, विश्व कुश्ती चैंपियनशीप सहित ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया.

विनेश के कोच व ताऊ महाबीर फोगाट, मां प्रेमलता

विनेश के कोच व ताऊ महाबीर फोगाट, मां प्रेमलता और भाई हरविंद्र फोगाट का कहना है कि विनेश ने गांव की मिट्टी से इस खेल को शुरू करते हुए अपनी बड़ी बहनों से प्रेरणा लेकर कुश्ती में अपना नाम कमाया है. उसने पांच साल की छोटी उम्र में ही पहलवान बनने का सपना पाल लिया था. उन्होंने कहा कि विनेश ने रियो ओलंपिक की चोट के बाद अपने खेल में जबरदस्त सुधार करते हुए कई प्रतियोगिताओं में गोल्ड जीतकर वापसी की है. अब उनकी बेटी विनेश कॉमनवेल्थ में फिर से गोल्ड मेडल लाकर गोल्ड की हैट्रिक बनाएगी.

Last Updated : Aug 2, 2022, 4:08 PM IST

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