चरखी दादरी:गंगेहड़ी से नारनौल तक बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर 152-डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर तीन महीने से धरने पर बैठे किसानों का गुस्सा फूट पड़ा.
किसान हाथ में काले झंडे लेकर रोड पर निकल पड़े. किसान लघु सचिवालय का घेराव करने के लिए जा रहे थे, लेकिन बैरिकेट लगाकर किसानों को रोक दिया गया. किसानों ने अब आर-पार की लड़ाई का फैसला कर लिया है. यहां महिला किसानों ने भी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
हाथ में काले झंडे लेकर लघु सचिवालय पहुंचे किसान मौके पर डीसी और एसपी सहित प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे. अधिकारियों ने सरकार से उनकी मांगे पूरी करवाने का आश्वासन दिया. किसान प्रतिनिधिमंडल की डीसी से मीटिंग कर सरकार से वार्ता करवाने की बात पर सहमति बन गई है. साथ ही किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा, अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो वे रणनीति बनाकर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे.
ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा वृद्धि मामला
राजस्थान से पंजाब की दूरी 80 किलोमीटर कम करने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया ग्रीन कॉरिडोर बना रही है. यह ग्रीन कॉरिडोर चरखी दादरी जिले के करीब 17 गांव से होकर गुजरेगा.
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राजस्थान व पंजाब को नजदीक करने के लिए इस्माइलाबाद के गंगेहड़ी से लेकर नारनौल बाईपास तक करीब 230 किलोमीटर लंबा 6 लेन ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाना है. इसके निर्माण के लिए 7500 करोड़ की राशि भी मंजूर हो चुकी है. जिले के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने ग्रीन कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की जमीन का कलेक्टर रेट से ढाई गुना मुआवजा घोषित किया हुआ है.
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किसान इस मुआवजा राशि को कम बताकर पिछले तीन महीने से धरने पर बैठे हैं. किसनों का कहना है कि किसान अपनी जमीन को कोड़ियों के भाव नहीं देंगे. किसनों ने जमीन की मार्केट वेल्यू के आधार पर कलेक्टर रेट रिवाइज कर मुआवजा निर्धारित करवाने की बात कही है.