चरखी दादरी: हरियाणा में इस साल किसान सरसों की बंपर पैदावार की आस लगाए बैठे थे, लेकिन उनकी इस उम्मीद पर बारिश ने पानी फेर दिया. पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से खेतों में खड़ी सरसों की फसल गिरकर खराब (charkhi dadri mustard crop damage) हो चुकी है. इसके अलावा फसल में धोलिया सहित कई रोग आने के कारण मजबूरन किसानों को सरसों की कई एकड़ लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ गया.
पिछले सीजन के दौरान सरसों की फसल का बाजार व मंडियों में अच्छा-खास भाव मिल रहा था. जिसको देखते हुए इस बार क्षेत्र के किसानों ने गेहूं व चने की बजाए सरसों की बंपर बुआई की थी, लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश के कारण सरसों की फसल में धोलिया और कई अन्य रोगों ने किसानों की आफत बढ़ा दी. रोग लगने के कारण सरसों की आधी से भी कम पैदावार की आशंका जताई जा रही है. सरसों की फसल पर खतरा मंडराने के कारण किसानों को खासा नुकसान होने की संभावना है. ऐसे में दादरी से सटे टिकाण गांव के कुछ किसानों का कहना है कि फसल नष्ट करने के बाद वे सब्जी की खेती करके नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करेंगे.
क्या है धोलिया रोग-कृषि विशेषज्ञों की मानें तो धोलिया रोग में सरसों के पत्तों पर सफेद निशान हो जाते हैं. धीरे-धीरे सफेद रंग बढ़ जाता है. फसल पाउडर की तरह हो जाती है. इस बीमारी का शुरूआती इलाज तो है, लेकिन अगर ये बीमारी जरा सी भी आगे बढ़ गई तो किसानों की सारी सरसों की फसल बर्बाद होने का खतरा रहता है.