चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर चल रहे किसानों के धरने पर किसान की मौत के 36 घंटे बाद भी शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. दिनभर किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कई बार वार्ता हुई लेकिन सभी बातचीत बेनतीजा रही. किसानों ने मृतक किसान के शव को लघु सचिवालय की ओर कूच किया और जमकर हंगामा किया.
किसानों की मांग है कि मृतक किसान को शहीद का दर्जा दिया जाए और साथ ही उसके परिवार को एक करोड़ मुआवजा राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. अनेक गांवों से धरने पर जुटे किसानों को पंचायत खापों, सामाजिक और राजीनीतिक संगठनों का पूरा समर्थन है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मान ली जाती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
किसानों की डीसी धर्मबीर सिंह से हुई वार्ता के बाद निर्णय लिया गया है कि शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. बल्कि शव को लघु सचिवालय में ही रखते हुए सोमवार को प्रदेश भर में सभी किसान, खाप पंचायतें और सामाजिक संगठनों के सदस्य एकजुट होकर आगामी रणनीति बनाएंगे. किसान नेता रमेश दलाल और शमशेर फोगाट ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो फिर आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए शव को लघु सचिवालय परिसर में ही रखकर रात-दिन का धरना दिया जाएगा.
कांग्रेस किसान परिवार के साथ है-अशोक तंवर
किसान के शव को लेकर जुलूस की शक्ल में लघु सचिवालय पहुंचे किसानों के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर भी शामिल हुए. तंवर ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है. कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन और मृत किसान के परिवार के साथ है. इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी मजबूती से संघर्ष करेगी.