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किसान का अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं प्रदर्शनकारी, डीसी के आश्वासन का कोई असर नहीं

चरखी दादरी में ग्रीन कॉरिडोर 152-डी की अधिग्रहीत जमीन मुआवजा बृद्धि की मांग में धरने के दौरान गांव ढाडी फोगाट के किसान की मौत हो गई थी. उसके बाद से किसानों ने एकजुट होकर मृतक किसान को मुआवजा दिलाने की मांग करते हुए शव को लघु सचिवालय में रखकर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

धरने में किसान की मौत के बाद किसानों का फूटा गुस्सा

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Published : Aug 4, 2019, 11:44 PM IST

चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर चल रहे किसानों के धरने पर किसान की मौत के 36 घंटे बाद भी शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. दिनभर किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कई बार वार्ता हुई लेकिन सभी बातचीत बेनतीजा रही. किसानों ने मृतक किसान के शव को लघु सचिवालय की ओर कूच किया और जमकर हंगामा किया.

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किसानों की मांग है कि मृतक किसान को शहीद का दर्जा दिया जाए और साथ ही उसके परिवार को एक करोड़ मुआवजा राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. अनेक गांवों से धरने पर जुटे किसानों को पंचायत खापों, सामाजिक और राजीनीतिक संगठनों का पूरा समर्थन है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मान ली जाती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.

किसानों की डीसी धर्मबीर सिंह से हुई वार्ता के बाद निर्णय लिया गया है कि शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. बल्कि शव को लघु सचिवालय में ही रखते हुए सोमवार को प्रदेश भर में सभी किसान, खाप पंचायतें और सामाजिक संगठनों के सदस्य एकजुट होकर आगामी रणनीति बनाएंगे. किसान नेता रमेश दलाल और शमशेर फोगाट ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो फिर आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए शव को लघु सचिवालय परिसर में ही रखकर रात-दिन का धरना दिया जाएगा.

कांग्रेस किसान परिवार के साथ है-अशोक तंवर

किसान के शव को लेकर जुलूस की शक्ल में लघु सचिवालय पहुंचे किसानों के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर भी शामिल हुए. तंवर ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है. कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन और मृत किसान के परिवार के साथ है. इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी मजबूती से संघर्ष करेगी.

विधानसभा में गूंजेगा मृत किसान का मामला

पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि किसान की मौत को लेकर भाजपा की सरकार गंभीर नहीं है. 36 घंटे बीतने के बाद भी किसान शव को लेकर बैठे हैं. इस मामले को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में पार्टी विधायक विधानसभा में जोर-शोर से उठाएंगे.

नौकरी और मुआवजा राशि को लेकर नहीं माने किसान

डीसी धर्मबीर सिंह ने कहा कि किसान परिवार के सदस्य को डीसी रेट पर नौकरी और आश्रितों को 5 लाख का मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है. लेकिन किसानों ने ये बात नहीं मानी. हालांकि पूरे मामले को लेकर सरकार को अवगत करवा दिया गया है. अब किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है.

मांग नहीं मानी तो सोमवार को रणनीति बनाएंगे किसान

अब सोमवार को आगामी रणनीति बनाई जाएगी. इसके लिए खापों और किसान संगठनों को दादरी में जुटने का आह्वान किया गया है. इस दौरान कांग्रेस सचिव अजीत फोगाट, जजपा प्रदेश महासचिव उमेद पातुवास, इनलो प्रवक्ता सुखवंत सिंह, राजू मान, संजीव मंदोला, दिलबाग नीमड़ी, खाप पदाधिकारी नरसिंह सांगवान, आप जिलाध्यक्ष रिंपी फोगाट, फोगाट खाप सचिव बलवंत सिंह सहित अनेक किसान और सामाजिक संगठनों के सदस्य उपस्थित रहे.

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