चरखी दादरी: गेहूं की सरकारी खरीद को दूसरा सप्ताह बीत जाने के बाद भी किसानों का रुझान मंडी की ओर दिखाई नहीं दे रहा है. आज यानी बुधवार को दादरी की नई अनाज मंडी (Charkhi Dadri Grain Market) में महज 12 किसान गेहूं लेकर पहुंचे. किसानों की तरफ से मंडी में 940 क्विटल गेहूं बेचा गया है. वहीं कुल खरीद की बात करें तो किसानों ने 12 दिनों में करीब 3300 क्विटल गेहूं सरकार को एमएसपी पर बेचा है. किसानों के मंडी ना पहुंचने के कारण मंडियों में पिछले वर्षों जैसी रौनक नहीं दिखाई दे रही है. मंडियों में हर वर्ष सैकड़ों प्रवासी मजदूर रोजी रोटी की तलाश में आते हैं. ऐसे में मजदूरों को भी कामकाज नहीं मिल पा रहा है.
गौरतलब है कि बाजारों में फसलों की ज्यादा कीमत मिलने के कारण दादरी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के किसान खरीद केंद्रों पर गेहूं व सरसों बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं. पिछले वर्षों की बात करें तो इन दिनों एमएसपी पर फसल बेचने के लिए किसानों का तांता लग जाता था. फसल बेचने के लिए किसानों में होड़ लगी रहती थी. लेकिन इस बार अप्रैल के महीने का दूसरा सप्ताह शुरू होने के बाद भी मंडियां व खरीद केंद्र में सन्नाटा पसरा है. खुली बोली में सरसों की खरीद एमएसपी से करीब 1500 रुपये व गेहूं की खरीद 500 रुपये अधिक हो रही है.