चरखी दादरी: आजादी की 75वीं वर्षगांठ को देश में आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) कहा जा रहा है. बीते 75 सालों में देश को (Indian Independence Day) इस मुकाम तक पहुंचाने में हर किसी की अपनी-अपनी भूमिका रही है. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर उस नारी शक्ति (Nari Shakti) का जिक्र होना भी बहुत जरूरी है, जिसमें हर क्षेत्र में एक मुकाम हासिल किया है. आज के भारत में खेल का मैदान भी आधी आबादी की उपलब्धियों से अछूता नहीं रहा है. खासकर ऐसे खेलों में, जो कभी सिर्फ और सिर्फ पुरुषों की बपौती मानी जाती थी. आज कुश्ती के दंगल में महिला खिलाड़ी भी अपना दम दिखा रही हैं और हरियाणा की बेटियां इस मामले में सबसे अव्वल हैं. असल जिंदगी से लेकर फिल्मी पर्दे तक महिला पहलवानों की कहानी हर किसी को रोमांचित करती है. ऐसी ही एक कहानी का नाम है विनेश फोगाट (Vinesh Phogat)
हाल ही में बर्मिंघम में संपन्न हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश फोगाट ने गोल्ड मेडल जीता (vinesh phogat cwg 2022) है. जो लोग विनेश के नाम से अनजान है उनके लिए ये जानना जरूरी है कि विनेश का ये तीसरा कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल (Vinesh Phogat in CWG) है, वो भी लगातार. यानी इस गोल्ड मेडल के साथ ही विनेश ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल की हैट्रिक बना ली (Vinesh Phogat in Commonwealth Games) है. इस उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया में गिने चुने ही (Gold Medal Hattrick in CWG) खिलाड़ी हैं. लेकिन हरियाणा के एक गांव की छोरी का अंतरराष्ट्रीय पटल पर विदेशी पहलवानों को पटककर गोल्ड मेडल जीतने की कहानी बहुत उतार-चढ़ाव भरी है.
पिता की मृत्यु के बाद ताऊ ने संभाला- विनेश फोगाट की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. विनेश का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के चरखी दादरी के बलाली गांव में हुआ था. ये वही बलाली गांव है जहां की दो बहनें गीता और बबीता ने पहलवानी के क्षेत्र में कई झंडे गाड़े और कुछ साल पहले आमिर खान की फिल्म धाकड़ में इन्हीं दोनों बहनों की कहानी दिखाई गई है. गीता और बबीता विनेश फोगाट की चचेरी बहनें हैं, फिल्म में जिन महावीर फोगाट का किरदार आमिर खान ने निभाया है वो विनेश के ताऊ हैं. विनेश के पिता राजपाल हरियाण रोडवेज में ड्राइवर (Vinesh Phogat Biography ) थे. उनकी मौत के बाद ताऊ महावीर फोगाट ने ही विनेश का लालन पालन किया.
गीता-बबीता के साथ सीखे पहलवानी के गुर- साल 2003 में विनेश के पिता की मौत हो गई थी. इसके बाद महावीर फोगाट ने विनेश और उनकी बहन प्रियंका को पहलवानी की ट्रेनिंग दी. ताऊ महाबीर फोगाट ने विनेश फोगाट और बड़ी बहन प्रियंका को अपनाया और अपनी बेटियों के साथ अखाड़े में उतारा. ताऊ के विश्वास व गीता-बबीता बहनों से प्रेरणा लेते हुए विनेश फोगाट ने हरियाणा से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम किए (Vinesh Phogat gold hattrick) हैं.
ओलंपिक मेडल जीतना है सपना-विनेश फोगाट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन गोल्ड मेडल जीतने के अलावा, एशियन गेम्स में भी स्वर्ण पदक हासिल किया है. इसी तरह एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड और रेसलिंग की वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर दम दिखा चुकी हैं. अब उनका सपना ओलंपिक मेडल जीतने का है. अब वो 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक की तैयारियों में जुट गई हैं.