चरखी दादरी: झिंझर गांव चरखी दादरी के सुनील फौगाट ने यूपीएससी की परीक्षा में 77वां रैंक हासिल किया है. यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट मंगलवार को जारी किया था. जिसमें तीसरी बार में सुनील फौगाट ने ये सफलता हासिल की है. सुनील कुमार पर आईएएस बनने का जुनून ऐसे था कि उसने अपने इस सपने के चलते मोबाइल फोन से दूरी बना ली.
बीटेक के बाद सुनील की 7 लाख रुपये सालाना पैकेज की नौकरी लगी थी, लेकिन उसने वो छोड़ दी. इसके बाद सुनील ने भारतीय सेना में जाने की तैयारी की. उसका चयन लेफ्टिनेंट व एसिस्टेंड कमांडर के पद पर हुआ, लेकिन उसने वो नौकरी भी ज्वाइन नहीं की. इस बीच सुनील ने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी. अब तीसरी बार में सुनील ने 77वां रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया है.
सुनील फौगाट की इस उपलब्धि पर परिवार और गांव में जश्न का माहौल है. ग्रामीणों ने फैसला किया है कि सुनील के गांव लौटने पर सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा. सुनील के पिता रणबीर सिंह ने बताया कि पहली बार में सुनील मेन परीक्षा में नहीं बैठ पाया था और दूसरी बार इंटरव्यू में रह गया था. इसके बाद भी सुनील ने हार नहीं मानी. चरखी दादरी झिंझर गांव में परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सुनील की उपलब्धि पर मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया और फैसला किया गांव में आने पर उसे सम्मानित किया जाएगा.
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सुनील के पिता सेना से सूबेदार मेजर के पद से रिटायर्ड हैं और मां गृहिणी हैं. पिता रणबीर सिंह ने बताया कि बेटे की सफलता पर उन्हें गर्व है. बेटा सुनील ने बिना कोचिंग के तीसरी बार में सफलता प्राप्त की है. सुनील ने आईएएस बनने की ठनी थी। इसलिए सेना में लेफ्टिनेंट व एसिस्टेंट कमांडर की नौकरी नहीं की. बीटेक करने के बाद 7 लाख रुपये का पैकेज भी उसने ठुकरा दिया. वहीं माता अनिता देवी ने कहा कि उनके बेटे ने परिवार और गांव का नाम रोशन किया है. इससे उन्हें बहुत खुशी है.