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बारिश में भीगने से सड़ा गेहूं, आढ़तियों और हैफेड अधिकारियों में नोक-झोंक

चरखी दादरी के बाढड़ा अनाज मंडी में तीन दिन पहले हुई बारिश में गेहूं भीग गया था. जिसके चलते गेहूं सड़ने लगा. बावजूद इसके भीगे हुए गेहूं को ही कट्टों में भरा जा रहा है. लेकिन जिस गेहूं में 14 फीसदी से ज्यादा नमी है उसे वेयर हाउस से वापसी भेजा जा रहा है.

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Published : May 29, 2019, 11:08 AM IST

बारिश से भीगने पर सड़ने लगा गेहूं

चरखी दादरी: जिले के कस्बा बाढड़ा की अनाज मंडी में पड़ा गेहूं अब आढतियों और हैफेड अधिकारियों के गले की फांस बनने लगा है. मंडी में पड़ा गेहूं तीन रोज पहले बारिश आने से पूरी तरह से भीग गया था. गेहूं के भीगने के बाद बिना सुखाए ही आढ़ती गेहूं की कट्टों में भराई करवा रहे हैं. वहीं मंडी में भरे हुए कट्टों में गेहूं सड़ने लगा है. हालात तो ये है कि मंडी में बदबू के चलते वहां खड़ा होना भी दुश्वार हो रहा है.

वहीं वेयर हाउस और मंडी शैड के नीचे गेहूं का स्टॉक हैफेड की ओर से लगाया जा रहा है. भीगा गेहूं पहुंचने पर हैफेड अधिकारी वेयर हाउस पहुंचने वाली गाड़ियों को रिजेक्ट कर वापसी भिजवा रहे हैं. ऐसे में आढ़ती और हैफेड अधिकारियों के बीच नोक-झोंक भी होने लगी है.

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बता दें कि जिले के कस्बा बाढड़ा की अनाज मंडी में 15 अप्रैल से ही गेहूं की खरीद सरकार की ओर से की जा रही थी. खरीद का काम हैफेड को सौंपा गया था. बाढड़ा मंडी में हैफेड ने किसानों से एक लाख 11 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की थी. जिसमें से 68 हजार क्विंटल गेहूं का ही मंडी से उठान हो पाया है. बाकी गेहूं का उठान नहीं होने से तीन रोज हुई बारिश में गेहूं भीग गया जिसके कारण गेहूं सड़ने लगा है.

आलम ये है कि मंडी में अधिकारियों की ओर से भरे हुए कट्टों को भी बारिश से बचाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई इंतजाम नहीं किया गया था. वहीं मंडी में बनी दुकानों की छतों का पानी भी मंडी में पड़े गेहूं में ही जा रहा था. ऐसे में गेहूं पूरी तरह से खराब होने लगा है. मंडी में पड़े गेहूं ऐसा हो चुका है कि उसे इंसान तो क्या पशु भी नहीं खाएंगे. वहीं गेहूं अब अच्छे गेहूं में मिलाकर कट्टों में भरा जा रहा है.

मंडी में ही स्टॉक करने के लिए पहुंचे हैफेड इंस्पेक्टर अमित नैन ने बताया कि बारिश से भीगा हुआ गेहूं पहुंच रहा है. 12 प्रतिशत नमी वाला गेहूं तो बिना काट के लिया जा रहा है. वहीं 14 फीसदी नमी वाला गेहूं काट के स्टॉक किया जा रहा है. 14 फीसदी से ज्यादा नमी वाले गेहूं को रिजक्ट किया जा रहा है.

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