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चरखी दादरी का सरल केंद्र बना घोटाला केंद्र, जानें कैसे हो रही थी लाखों रूपयों की हेरा-फेरी - चरखी दादरी क्राइम खबर

जिला डीआईटीएस विभाग(DITS) के सरल केंद्र में दो कर्मचारियों द्वारा बड़े ही शातिर तरीके से लाखों रूपयों का घोटाला करने का मामला सामने आया है. हालांकि जांच अधिकारियों ने रूपयों की रिकवरी कर ली है और भ्रष्टाचार करने वाले आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

Charkhi Dadri Saral Kendra Scam
चरखी दादरी का सरल केंद्र बना घोटाला केंद्र, जानें कैसे हो रही थी लाखों रूपयों की हेरा-फेरी

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Published : Jun 18, 2021, 4:03 PM IST

चरखी दादरी: जिला डीआईटीएस विभाग(जिला सूचना एवं तकनीक सोसायटी) के सरल केंद्र में करीब 14 लाख रूपयों का भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया है. डीआईटीएस(DITS) के सरल केंद्र पर कार्यरत अनुबंधित कर्मचारियों द्वारा की गई वित्तीय मदों की जांच में ये खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि डीआईटीएस द्वारा सरकारी फीस की राशि को इकट्ठा तो कर लिया गया, लेकिन बैंक में जमा नहीं करवाया गया.

तत्कालीन डीसी राजेश जोगपाल द्वारा रोहतक पीजीआईएमएस(ROHTAK PGIMS) के सेवानिवृत्त निदेशक एवं हरियाणा सरकार के मेडिको लीगल एडवाइजर डॉक्टर डीआर यादव को इंक्वायरी ऑफिसर नियुक्त किया गया था. जिनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है. हालांकि सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई गई करीब 14 लाख रुपए की राशि की रिकवरी कर ली गई है. वहीं इस संबंध में सिटी पुलिस ने सरल केंद्र के अकाउंटेंट और कम्प्यूटर ऑपरेटर पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है.

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बता दें कि डीसी राजेश जोगपाल द्वारा इसी वर्ष मार्च महीने में सरल केंद्र पर वित्तीय मुद्दों की जांच का जिम्मा बाढड़ा एसडीएम शंभू राठी को सौंपा गया था. तब जांच में करीब 9 लाख रुपए का भ्रष्टाचार सामने आया था. उस समय डीसी द्वारा रोहतक पीजीआई के रिटायर्ड निदेशक डॉक्टर डीआर यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था. जांच अधिकारी द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी तो करीब 14 लाख रुपए का गड़बड़झाला मिला.

ऐसे हो रही थी हेरा-फेरी

बताया गया है कि सरल केंद्र सहित विभिन्न सरकारी कार्यों के लिए आने वाली फीस को डीआईटीएस द्वारा एकत्रित किया गया था, लेकिन उस फीस को सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाया गया. जब जांच की गई तो डीआईटीएस के रिकॉर्ड में सरकारी फीस की रसीदें भी गायब मिली. जांच अधिकारी द्वारा सौंपी रिपोर्ट अनुसार करीब 14 लाख रुपए का भ्रष्टाचार मिला.

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इस मामले की जांच के बाद सरल केंद्र के लेखा अधिकारी सोमबीर सिंह द्वारा सिटी पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई. जिस आधार पर पुलिस ने सरल केंद्र के अकाउंटेंट अंकित सांगवान और कम्प्यूटर आपरेट शशी कुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.

डीसी अमरजीत सिंह मान ने बताया कि जांच के बाद करीब 14 लाख रुपए की रिकवरी कर ली गई है और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है. वहीं एसपी विनोद कुमार ने बताया कि प्रशासन की तरफ से करीब 14 लाख रुपए की गड़बड़ी करने की शिकायत मिली थी. जिस आधार पर दो कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.

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