चरखी दादरी: जिला डीआईटीएस विभाग(जिला सूचना एवं तकनीक सोसायटी) के सरल केंद्र में करीब 14 लाख रूपयों का भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया है. डीआईटीएस(DITS) के सरल केंद्र पर कार्यरत अनुबंधित कर्मचारियों द्वारा की गई वित्तीय मदों की जांच में ये खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि डीआईटीएस द्वारा सरकारी फीस की राशि को इकट्ठा तो कर लिया गया, लेकिन बैंक में जमा नहीं करवाया गया.
तत्कालीन डीसी राजेश जोगपाल द्वारा रोहतक पीजीआईएमएस(ROHTAK PGIMS) के सेवानिवृत्त निदेशक एवं हरियाणा सरकार के मेडिको लीगल एडवाइजर डॉक्टर डीआर यादव को इंक्वायरी ऑफिसर नियुक्त किया गया था. जिनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है. हालांकि सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई गई करीब 14 लाख रुपए की राशि की रिकवरी कर ली गई है. वहीं इस संबंध में सिटी पुलिस ने सरल केंद्र के अकाउंटेंट और कम्प्यूटर ऑपरेटर पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है.
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बता दें कि डीसी राजेश जोगपाल द्वारा इसी वर्ष मार्च महीने में सरल केंद्र पर वित्तीय मुद्दों की जांच का जिम्मा बाढड़ा एसडीएम शंभू राठी को सौंपा गया था. तब जांच में करीब 9 लाख रुपए का भ्रष्टाचार सामने आया था. उस समय डीसी द्वारा रोहतक पीजीआई के रिटायर्ड निदेशक डॉक्टर डीआर यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था. जांच अधिकारी द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी तो करीब 14 लाख रुपए का गड़बड़झाला मिला.