चरखी दादरी :क्या आपने कभी भैंस के मृत्युभोज के बारे में कभी सुना है. शायद नहीं लेकिन ऐसा हुआ है हरियाणा के चरखी दादरी में जहां एक भैंस की मौत के बाद गम में मृत्युभोज दिया गया है.
भैंस को लाडली के नाम से पुकारते थे : जानकारी के मुताबिक चरखी दादरी के चरखी गांव के किसान सुखबीर सिंह के पिता रिसाल सिंह 28 साल पहले एक भैंस को उनके परिवार के लिए लेकर आए थे. उससे पैदा हुई कटिया का सुखबीर के परिवार ने पालन पोषण किया और फिर उसने किसान के घर लगातार 24 बार कटिया को जन्म देकर रिकॉर्ड भी बनाया. सुखबीर के मुताबिक परिवारवाले भैंस को लाडली के नाम से पुकारते थे और लाडली भैंस का परिवार की तीन पीढ़ियों ने दूध भी पिया. साथ ही परिवार ने उससे जन्म लेने वाले कटिया को बेचकर काफी पैसे भी कमाए.
भैंस की मौत से छाया मातम :पिछले दिनों लाडली भैंस की मौत हो गई जिससे पूरे घर में मातम छा गया. अपनी पालतू भैंस का निधन पर पूरे परिवार ने शोक मनाते हुए विधि-विधान से आखिरी रस्में निभाते हुए उसकी अस्थियां भी विसर्जित की गई. इसके बाद किसान के परिवार ने अपने घर में मृत्युभोज का आयोजन करने का फैसला किया और मृत्युभोज के लिए लोगों को आमंत्रण भेजने लगे. पूरे गांव के साथ सभी नाते-रिश्तेदारों को मृत्युभोज का आमंत्रण भेजा गया.