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चरखी दादरी: कृषि अध्यादेश पर हड़ताल को लेकर दो गुटों में बंटे आढ़ती - आढ़ती एसोसिएशन प्रदर्शन चरखी दादरी

चरखी दादरी में तीन अध्यादेशों के विरोध में घोषित तीन दिवसीय हड़ताल को लेकर आढ़ती दो गुटों में बंट गए हैं. एक गुट ने हड़ताल का समर्थन करते हुए अपनी दुकान को बंद रखा. तो वहीं दूसरे गुट ने राजनीति चमकाने का हवाला देकर हड़ताल जारी रखी.

aadhatiya association protest against agricultural ordinances In charkhi dadri
चरखी दादरी में हड़ताल को लेकर आढ़ति दो गुटों में बंटे, मिलाजुला दिखा असर

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Published : Sep 19, 2020, 4:36 PM IST

चरखी दादरी:जिले में आढ़ती एसोसिएशन द्वारा घोषित तीन दिवसीय हड़ताल को लेकर आढ़ती दो गुटों में बंट गए हैं. एक गुट का कहना है कि वो कृषि अध्यादेशों के विरोध में हड़ताल करेंगे. तो वहीं दूसरे गुट का कहना है कि हड़ताल की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं. इसलिए वो हड़ताल नहीं करेंगे और अपनी दुकानें खोलेंगे.

दरअसल आढ़ती एसोसिएशन ने कृषि अध्यादेशों के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है. जिसको लेकर शनिवार को चरखी दादरी अनाज मंडी में आढ़तियों ने हड़ताल की, लेकिन आढ़तियों में दो फाड़ होने के चलते इस हड़ताल का मिला जुला असर रहा.

चरखी दादरी में हड़ताल को लेकर दो गुटों में बंटे आढ़ती, मिलाजुला दिखा असर

वहीं हड़ताल का समर्थन कर रहे आढ़तियों ने आढ़ति एसोसिएशन के मंडी प्रधान रामकुमार रिटोलिया की अगुवाई में दुकानें बंद करते हुए रोष जताया. मार्केट कमेटी कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए आढ़तियों ने सरकार से अध्यादेशों में संसोधन करने की मांग की. इस दौरान उन्होंने सीएम के नाम मार्केट कमेटी सचिव को ज्ञापन सौंपा. साथ ही 20 सितंबर तक समाधान नहीं होने पर चक्का जाम करने की चेतावनी दी.

इस संबंध में मंडी सचिव विनोद गर्ग ने कहा कि उनकी हड़ताल पूर्ण रूप से सफल है. अध्यादेशों में संसोधन को लेकर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया है. अगर सरकार ने संसोधन बारे कोई समाधान नहीं किया. तो 20 सितंबर को चक्का जाम करेंगे और आगामी रणनीति बनाकर बड़ा आंदोलन करेंगे.

वहीं कच्चा-पक्का आढ़ती एसोसिएशन ने हड़ताल का विरोध करते हुए दूसरे गुट पर राजनीति करने का आरोप लगाया. एसोसिएशन के प्रधान माना राम ने कहा कि इस समय हड़ताल करने का कोई मतलब नहीं है. फसल का समय होने के कारण किसानों को परेशानियां होंगी. ऐसे में उन्होंने अपनी दुकानें खोली हैं. अध्यादेशों में संसोधन को लेकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे.

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