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Year ender 2023: साल 2023 में हरियाणा की प्रमुख राजनीतिक घटनाओं पर एक नजर

Look back 2023: साल 2023 बीतने को है और जल्द ही नये साल की शुरुआत होगी. साल 2023 में हरियाणा के राजनीतिक गलियारे में कैसी हलचल रही, आइए जानते हैं.

Year ender 2023
हरियाणा की राजनीतिक गलियारे में साल 2023

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 21, 2023, 5:37 PM IST

Updated : Dec 31, 2023, 9:28 AM IST

चंडीगढ़: साल 2023 अपने अंतिम पड़ाव पर है. ये समय थोड़ा ठहर कर सोचने का है कि आखिर इस साल हरियाणा की राजनीति में क्या कुछ खास रहा. साल 2023 में हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के टूटने को लेकर कयासों का बाजार गर्म रहा. जेजेपी को राजस्थान विधानसभा के चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के अंदर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के विरोधी एक साथ नजर आए तो हरियाणा कांग्रेस के कई नेताओं को केन्द्रीय नेतृत्व ने अहम जिम्मेदारी दी. मेवात हिंसा मामला और अंबाला जहरीली शराब कांड ने सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को मुद्दा दे दिया.

  1. बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर बयानबाजी: हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के टूटने की चर्चा लगातार होती रही. दोनों दलों के नेता समय समय पर ऐसे बयान देते रहे जिससे इन चर्चाओं को बल मिलता रहा. भले ही दोनों दलों के कुछ नेता गठबंधन पर सवाल खड़े करते रहे, लेकिन सत्ता में बैठे नेता इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से बचते नजर आए. लिहाजा अटकलों के बीच गठबंधन की सरकार अब तक चल रही है.
    बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर बयानबाजी

  2. राजस्थान विधानसभा चुनाव में जेजेपी की बुरी हार: बड़े तामझाम के साथ राजस्थान विधानसभा के चुनाव में खड़ी जेजेपी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. पार्टी ने 19 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिनमें से अधिकांश की जमानत जब्त हो गयी. चुनाव में मिली हार ने जेजेपी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इस चुनाव में सफलता पाकर जेजेपी अपना कद बढ़ाना चाहती थी लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी.
    राजस्थान विधानसभा चुनाव में जेजेपी की बुरी हार

  3. बीजेपी को मिला नया अध्यक्ष:साल 2023 में हरियाणा बीजेपी को नया अध्यक्ष मिला. कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी को बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया. नायब सिंह सैनी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं. उनके अध्यक्ष बनने के बाद सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल की उम्मीद की जा रही है. वहीं बीजेपी के इस कदम को प्रदेश की जातीय समीकरण को साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है.
    बीजेपी को मिला नया अध्यक्ष

  4. मेवात हिंसा को लेकर सियासत: नूंह जिले में 31 जुलाई 2023 को हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई ब्रजमंडल धाम जल अभिषेक यात्रा के दौरान हिंसा और आगजनी हुई. जिसमें जान माल का काफी नुकसान हुआ था. हिंसा को लेकर विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. प्रशासन की तत्परता पर सवाल खड़े किए गए थे. वहीं हिंसा के दौरान कांग्रेस के विधायक मामन खां की भूमिका पर भी सवाल खड़े किये गए. पुलिस ने मामन खां को गिरफ्तार भी कर लिया था. हालांकि बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए. इस मुद्दे को लेकर प्रदेश में सियासत भी खूब हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराता रहा. हरियाणा विधानसभा में भी इसको लेकर हंगामा होता रहा.
    मेवात हिंसा को लेकर सियासत

  5. जहरीली शराब से मौत पर राजनीति: हरियाणा के यमुनानगर और अंबाला में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गयी. विपक्ष ने सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. विपक्ष का कहना था कि यह सब सरकार की लापरवाही से हुआ है. वहीं सरकार का कहना था कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गयी है और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ और विपक्ष सरकार पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाता रहा.
  6. कांग्रेस में हुड्डा विरोधी हुए एकजुट:हरियाणा कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति भी चर्चा का विषय बनी रही. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ पार्टी के अंदर ही उनके विरोधी माने जाने वाले एक साथ नजर आए. हुड्डा के विरोधी माने जाने वाले कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी एक साथ नजर आए. वे विभिन्न मौकों पर जहां एक मंच पर दिखाई दिए वहीं एक आवाज में हुड्डा खेमे के खिलाफ खड़े दिखाई दिए. इनकी पहचान हरियाणा की सियासत में एसआरके के तौर पर हो रही है.
  7. कांग्रेस नेताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी: साल 2023 में हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी बेशक हर बार जगजाहिर होती रही, पार्टी भले ही संगठन की घोषणा भी ना कर पाई हो, लेकिन हरियाणा कांग्रेस के कुछ नेताओं के लिए यह साल कई मायनों में अहम रहा. रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली. पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश का भी प्रभारी बनाया, हालांकि मध्य प्रदेश में पार्टी विधानसभा चुनाव में जीत नहीं पाई. हरियाणा कांग्रेस की एक और नेता कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन वह भी विधानसभा चुनाव में जीत नहीं दिला पाईं.
    कांग्रेस नेताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी

  8. खेल मंत्री संदीप सिंह पर यौन शोषण का आरोप: हरियाणा मत्रिपरिषद में राज्य मंत्री संदीप सिंह पर खेल मंत्री रहने के दौरान यौन शोषण का आरोप लगा. जूनियर महिला कोच के यौन शोषण के आरोप का मामला वैसे तो दिसंबर 2022 में शुरू हुआ था, लेकिन वह 2023 में भी सुर्खियों में बना रहा. विपक्ष इस मामले में संदीप सिंह को बर्खास्त करने की मांग लगातार करता रहा है. विधानसभा सत्र के दौरान भी मामला उठता रहा है. इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने बीते साल विभिन्न धाराओं के तहत संदीप सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था। चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी टीम बनाई थी, जिसने संदीप सिंह के खिलाफ कोर्ट में करीब 8 महीने बाद चार्जशीट दाखिल की. अभी यह मामला चंडीगढ़ की जिला अदालत में विचाराधीन है.
    खेल मंत्री संदीप सिंह पर यौन शोषण का आरोप

  9. सतलुज यमुना लिंक नहर का मामला:करीब पांच दशकों से पंजाब और हरियाणा की सियासत का प्रमुख मुद्दा सतलुज यमुना लिंक नहर भी 2023 में सुर्खियों में बना रहा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया तो दोनों प्रदेशों की सियासत में उबाल आ गया. एक तरफ हरियाणा लगातार कह रहा है कि सतलुज यमुना लिंक नहर का निर्माण होना चाहिए, लेकिन पंजाब नहर के निर्माण के लिए तैयार नहीं है. पंजाब का कहना है कि उसके पास किसी को भी देने के लिए एक भी बूंद पानी नहीं है.
  10. सांसद रतन लाल कटारिया की मौत: साल 2023 में बीजेपी नेता रतनलाल कटारिया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. दिसंबर 1951 में जन्मे रतन लाल कटारिया हरियाणा बीजेपी के कद्दावर नेता थे. रतन लाल कटारिया बीजेपी में कई अहम पदों पर रहे. उन्होंने अंबाला लोकसभा सीट पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा को दो बार हराया था.
Last Updated : Dec 31, 2023, 9:28 AM IST

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