चंडीगढ़: यमुनानगर शराब कांड में पुलिस का एक्शन लगातार जारी है. वहीं, यमुनानगर जहरीली शराब मामले में हरियाणा का सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है. इस मामले में विपक्ष के निशाने पर सरकार है तो वहीं सरकार इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 20 पहुंच गया है, जिनमें से 18 यमुनानगर और 2 अंबाला में मौत हुई है. इस मामले में 13 से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है.
आप के निशाने पर सरकार: आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार समिति प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर कहते हैं 'मनोहर लाल सरकार के 9 साल में 500 से ज्यादा लोगों की नकली शराब से मौत हुई है. यमुनानगर में 20 से 24 लोग नकली शराब से जान गंवा चुके हैं. सरकार अभी भी गंभीर नहीं है. सरकार के संरक्षण में नशे का रैकेट चल रहा है और दूसरी पार्टियों के लोग भी इसमें शामिल हैं. सरकार सच्चाई को छुपाने के लिए गलत आंकड़े पेश कर रही है. हमारी मांग है कि सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे.'
हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग: इससे पहले हरियाणा आप के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा नकली शराब मामले में हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग कर रहे हैं. वे आरोप लगा रहे हैं कि यह कारोबार कांग्रेस नेता और जेजेपी नेता के बेटे की सांठगांठ से चल रहा था. उनका कहना है कि हरियाणा में बड़े स्तर पर शराब घोटाला हो रहा है. यह शराब घोटाला हजारों करोड़ रुपए का है.
क्या कहती है कांग्रेस?: इधर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि जिस पार्टी के नेता का इस सब मामले में नाम आ रहा था उसे पार्टी से बाहर कर दिया गया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार इस तरह के मामलों में लीपा पोती करने की कोशिश कर रही है. अब से पहले भी जो इस तरह के मामले सामने आए थे, उनमें भी सरकार ने पर्दा डालने का काम किया है. कांग्रेस पार्टी की मांग है कि सिर्फ यमुनानगर और अंबाला में हुए जहरीली शराब कांड के मामले की ही नहीं बल्कि इससे पहले जो मामले जहरीली शराब पीने से मौत के प्रदेश में हुए हैं, उन सब की ज्यूडिशियल इंक्वारी की जाए.