चंडीगढ़: चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियन गेम्स 2023 के लिए बिना ट्रायल के विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को डायरेक्ट एंट्री देने पर विवाद बढ़ता जा रहा है. विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को छूट देने के खिलाफ रेसलर अंतिम पंघाल और सुरजीत कलकल ने दिल्ली के हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का संचालन करने वाली तदर्थ समिति से पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट एशियन गेम्स 2023 खेलों के ट्रायल से छूट देने का आधार बताने को कहा. इस मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने फोगाट और पुनिया को सीधे प्रवेश के खिलाफ अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल की याचिका पर सुनवाई करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है.
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वहीं, पहलवान साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही साक्षी मलिक ने ट्विटर लिखा है, 'सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है. मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूं और न ही इसका समर्थन करती हूं. सरकार की इस मंशा से विचलित हूं. हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है.'
बजरंग पुनिया को एशियन गेम्स 2023 में सीधे प्रवेश मिलने पर पहलवान विशाल कालीरमन ने कहा है कि, 'हम ट्रायल के लिए अपील करते हैं, इस मामले में कोई पक्षपात नहीं चाहते. कम से कम एक ट्रायल चलाया जाना चाहिए अन्यथा हम अदालत जाने के लिए तैयार हैं. हम अदालत के समक्ष अपील करेंगे कि हम 15 वर्षों से अभ्यास कर रहे हैं.'
वहीं, अंतिम पंघाल ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की तदर्थ समिति द्वारा लिए गए इस फैसला के विरोध में एक वीडियो शेयर किया था. अंतिम पंघाल ने कहा है, , 'एशियाई खेलों में विनेश फोगाट को सीधे भेजा जा रहा है. उन्होंने एक साल से कोई अभ्यास नहीं किया है. मैंने 2022 जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. एशियाई खेलों में जाने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप लड़ेंगे और जो वहां जीतेगा वही ओलंपिक में जाएगा तो हमारी मेहनत का क्या होगा. हमें यह जानना है कि उन्हें किस बेस पर भेजा जा रहा है?'
बता दें कि, 19 साल की महिला रेसलर अंतिम पंघाल 53 किलोग्राम कैटेगरी में खेलती हैं. अंतिम पंघाल ने कहा है कि, विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में सीधे प्रवेश मिलेगा, जबकि उसने पिछले एक साल से प्रैक्टिस नहीं की है और ना ही उसके नाम कोई उपलब्धि दर्ज है. ऐसे में यह फैसला तर्कसंगत नहीं है.
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बता दें कि इस फैसले का कई पहलवानों ने विरोध किया है. पहलवान विशाल कालीरमन ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर इस फैसले का विरोध किया. विशाल कालीरमन ने कहा है कि, 'मैं 65 किग्रा से कम वर्ग में खेलता हूं और एशियाई खेलों के लिए बजरंग पुनिया को बिना किसी ट्रायल के सीधे प्रवेश दिया गया है. वे एक साल से धरना दे रहे थे, जबकि हम अभ्यास कर रहे थे. कम से कम ट्रायल तो होना ही चाहिए, नहीं तो हम कोर्ट जाने को तैयार हैं. हम कोर्ट में अपील करेंगे. हम 15 साल से अभ्यास कर रहे हैं.'