भिवानी: श्रावण के महीने में जब प्रकृति अपने ऊपर हरियाली की चादर ओढ़ लेती है, तो इस मनोरम क्षण का आनंद महिलाएं झूले झूलकर, गीत गाकर और मेहंदी लगाकर उत्सव के रूप में धूमधाम से उठाती हैं. इसे हरियाली तीज (Hariyali Teej) के नाम से भी जाना जाता है. कई स्थानों पर हरियाली तीज के मौके पर भव्य मेले भी लगते हैं. गांवों और शहरों में शिव-पार्वती सवारी भी निकाली जाती है. भिवानी में ही हर साल तीज महोत्सव मनाया जाता है जिसमें महिलाएं सज-धजकर तीज उत्सव में हिस्सा लेती हैं. सोमवार को हरियाली तीज के उत्सव पर आयोजित 'तीजोत्सव कार्यक्रम' (Teej Program) में हिस्सा लिया.
इस दिन युवतियां और बच्चे सज-धजकर हरे रंग के परंपरागत परिधान धारण करती हैं. इस मौके पर सुहागिनें हाथों में मेहंदी लगाती हैं और हरियाणा के परंपरागत व्यंजन गुलगुले, सौहाली, खीर, हलवा, चूरमा आदि बनाकर सामूहिक रूप से भोज के रूप में इसे ग्रहण करती हैं. महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती से दुनिया में शांति, सुख, समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं. कार्यक्रम में हिस्सा ले रही महिलाओं ने बताया कि आज तीज के त्यौहार की पूर्व संध्या पर वे अपने घर-परिवार, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर मना रहे हैं. इस त्यौहार को हरियाली तीज और परिवार मिलन समारोह के रूप में मना रहे हैं.
इससे आपसी भाईचारा और प्रेम भावना में बढ़ोत्तरी होती है. श्रावण महीने में हरियाली तीज का त्योहार बरसात के बाद खिले हुए हरे-भरा पर्यावरण का प्रतीक भी है. हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं दिन भर व्रत-उपवास रखती हैं. इस त्योहार जुड़ी हुई एक मान्यता (Hariyali Teej Story) भी है.