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स्पेशल रिपोर्ट: क्या इंडिया में रफ्तार भर पायेगा मोदी सरकार का इलेक्ट्रिक कार का सपना?

इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में चीन सबसे आगे है. चीन में दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक कार बाजार है.इस नजरिए से भारत में सरकार की ये योजना लक्ष्य से बहुत दूर दिखाई दे रही है.

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Published : Jul 10, 2019, 4:13 PM IST

Updated : Jul 10, 2019, 4:20 PM IST

पेट्रोल-डीजल छोड़िए जनाब! अब है इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बारी..

चंडीगढ़:मोदी सरकार ने बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर खास रियायत दी है. जिसका मकसद पेट्रोल-डीजल गाड़ियों को कम करना और प्रदूषण पर लगाम लगाना है. इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने के लिए सरकार ने फेम-2 यानी फास्टर अडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स को मंजूरी दे दी है.

इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार का जोर, क्या सफल होगा सरकार का ये प्लान ?

क्या है मोदी सरकार की ये स्कीम ?
इस स्कीम के तहत सरकार ने सब्सिडी की राशि 5500 करोड़ रुपए से बढ़ा कर 10 हजार करोड़ कर दी है. फेम-2 स्कीम में महानगरों और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों, स्मार्ट सिटी और देशभर के पहाड़ी राज्यों के शहरों में लगभग 2,700 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. वहीं प्रमुख राजमार्गों और हाइवे पर लगभग 25 किमी के बाद चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे.

आसान नहीं सरकार का ये प्लान
सरकार का ये प्लान इतना आसान नहीं है, इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि जितनी तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ रही है. उतनी तेजी से चारजिंग प्वाइंट की सुविधा नहीं मिल रही है. जिसका नतीजा ये है कि ज्यादातर 2 व्हीलर और रिक्शा चालकों को चोरी से इन्हें चार्ज करना पड़ रहा है. सिर्फ 10 प्रतिशित ही ऐसे है जो सब्सिडी प्रोग्राम की तहत चार्जिंग प्वाइंट से गाड़ी चार्ज कर रहे हैं.

चंडीगढ़ का क्या है हाल ?
हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ की बात करें, तो चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से चंडीगढ़ में कई जगह चार्जिंग पॉइंट भी लगा दिए गए हैं , बावजूद इसके लोग इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीद रहे हैं.

Last Updated : Jul 10, 2019, 4:20 PM IST

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