चंडीगढ़:सोमवार को हरियाणा के नूंह क्षेत्र से एक शर्मनाक मामला सामने आया. एक 25 साल का युवक जिसका नाम आसिफ था, उसकी हत्या कर दी जाती है. इस मामले में आसिफ के परिजनों का आरोप है कि उसकी हत्या नहीं मॉब लिंचिंग की गई है, वहीं प्रशासन का कहना है कि ये एक रंजीश के तहत हत्या है, जिसके तार बहुत पुराने हैं और इस मामले में किसी भी तरह का कोई संप्रदायिक कोण नहीं है.
आसिफ हत्याकांड़ के बाद नूंह में काफी तनाव बढ़ा, जिसे प्रशासन ने समय रहते काबू पा लिया गया है, वहीं हर तरह से माहौल शांत करने के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस जुटी हुई है, लेकिन इस मामले को लेकर ट्वीटर पर बवाल हो रहा है. पिछले 24 घंटे से ट्विटर पर इस मामले को लेकर कई तरह के हैशटैग ट्रेंड हो रहा हैं.
ये पढ़ें-हरियाणा में मॉब लिंचिंग: 25 साल के आसिफ की घेर कर हत्या, करीब 35 लोगों पर आरोप
#जस्टिस_फॉर_आसिफ
सोमवार दोपहर के बाद सोशल मीडिया में हजारों की संख्या में आसिफ हत्याकांड को लेकर ट्वीट होने लगे. ज्यादातर ट्वीट्स में मॉब लिंचिंग की बात की गई. वहीं बहुत से लोगों ने हरियाणा सरकार पर सवाल उठाए और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की. इन सभी ट्वीट्स के साथ 'जस्टिस फॉर आसिफ' हैशटैग ट्रैंड कर रहा था.
#उस्मानी_को_गिरफ्तार_करो
आसिफ हत्याकांड कांड मामले में शरजील उस्मानी ने सांप्रदायिक मोड दे दिया. शरजील उस्मानी ने आसिफ के बार में अंग्रजी ट्वीट किया, जिसका हिंदी अनुवाद है कि, 'हरियाणा के मेवात जिले के एक मुस्लिम जिम ट्रेनर आसिफ खान को रविवार की रात हिंदू निगरानी समूहों ने मौत के घाट उतार दिया था, जब उन्हें 'जय श्री राम' का जाप करने के लिए मजबूर किया गया था, एक प्रार्थना हिंदू राष्ट्रवादी उग्रवादियों द्वारा युद्ध-नारा बन गई थी'
शरजील उस्मानी के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर ये पूरा मामाल दो विशेष धर्मों के बीच विवाद का हो गया है और दो पक्षों की तरफ से आमने सामने से ट्वीट वार शुरू हो गया. फिलहाल ट्वीटर #उस्मानी_को_गिरफ्तार_करो और #ArrestSharjeelUsmani ट्रेंड कर रहा है.
ये भी पढ़ें-पानीपत के इस अस्पताल में ऑक्सीजन टैंकर से महिलाओं ने की रीफलिंग पाइप चोरी, CCTV फुटेज देख कर रह जाएंगे हैरान
कौन है शरजील उस्मानी
शरजील उस्मानी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है और उनके पिता तारिक उस्मानी अलीगढ़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. वो एएमयू में बीए की पढ़ाई कर रहा था. 2018 में इसने पढ़ाई तो छोड़ दी, लेकिन छात्रों का साथ नहीं छोड़ा और विवाद के चलते चर्चा में लगातार बना हुआ है. दिसंबर 2019 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बाबरी से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद शरजील उस्मानी चर्चा में आया था.
क्या है आसिफ हत्याकांड मामला?
हालांकि इस मामले की असली वजह को जानने के लिए पुलिस जांच कर रही है, लेकिन आसिक के परिजनों ने बयान दिया है कि आसिफ अपने दो चचेरे भाइयों के साथ अपनी बहन के घर से लौट रहा था. जब उन पर कथित तौर पर पुरुषों के एक समूह ने हमला किया और उन्हें पीट-पीट कर मार डाला. हालांकि, उसकी मृत्यु की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद, कुछ संप्रदायिक नेताओं ने दावा किया कि उसे मारे जाने से पहले एक विशेष धर्म का नारा बोलने के लिए मजबूर किया गया था, जिसकी वजह से घटना ने सांप्रदायिक मोड़ ले लिया.
बहरहाल पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 14 लोगों को नामजद करने के अलावा 15-20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 149, 302, 323, 341, 365 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने मामले में चार-पांच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है.
ये भी पढे़ं-ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारीः हरियाणा पुलिस ने मथुरा से दो आरोपी को किया गिरफ्तार