चंडीगढ़: हरियाणा सरकार को हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने निजी क्षेत्र की नौकरी में 75 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने हरियाणा स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट एक्ट 2020 पर रोक लगाई है. ईटीवी भारत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से इस केस को लड़ रहे वकील तुषार शर्मा से खास बातचीत की.
बातचीत के दौरान एडवोकेट तुषार शर्मा ने बताया कि वे मानेसर फरीदाबाद अन्य कई इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से यह केस लड़ रहे हैं. कानून पर लगी रोक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा हमारा संविधान आरक्षण से जुड़े इस तरह की कानून बनाने की अनुमति नहीं देता. यह आर्टिकल 14 और आर्टिकल 16 का उल्लंघन है. जहां एक तरफ कहा जाता है कि भारत एक राष्ट्र है. यह कानून इस वाक्य पर एक आघात के समान है.
आखिर क्यों लगी 75 प्रतिशत आरक्षण के कानून पर रोक, वकील से जानिए वजह
देश का युवा यह सोचता है कि वह है देश में किसी भी राज्य में जाकर पूरी आजादी के साथ नौकरी कर सकता है लेकिन यह कानून युवाओं की आजादी को छिनने वाला है. दूसरी ओर हरियाणा की इंडस्ट्री भी इस कानून के पक्ष में नहीं है. इसलिए दिसंबर महीने में इस कानून के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. इसके बाद इसकी सुनवाई 12 जनवरी को होनी थी लेकिन कोरोना की वजह से 12 जनवरी को सुनवाई नहीं हो पाई. अब इसकी सुनवाई हुई है. इस पर पंजाब और हरियाणा कोर्ट ने इस कानून पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है.
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तुषार शर्मा ने कहा कि हर तरह की दृष्टि में अलग-अलग राज्यों के लोग काम करते हैं. इंडस्ट्री में कभी भी राज्य को देखकर भर्ती नहीं की जाती. ना ही वहां आने वाले युवाओं में कोई भेदभाव किया जाता है. इंडस्ट्री में अगर कामगारों की जरूरत होती है तो वह है भर्तियां करना शुरू कर देती है. तब यह नहीं देखा जाता कि कौन सा युवा किस राज्य से आया है. उन्होंने कहा कि सरकार खुद भी सरकारी नौकरियों में इस तरह का आरक्षण लागू नहीं कर सकती तो फिर इसे निजी कंपनियों पर क्यों थोपा जा रहा है.
एडवोकेट ने कहा कि इससे इंडस्ट्री को काफी नुकसान होगा. इस वक्त उद्योग धंधे कोरोना की वजह से पहले ही मंदी की मार झेल रहे हैं. दूसरी ओर सरकार इस तरह का कानून बनाकर उन्हें और ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की इंडस्ट्री इस कानून को पूरी तरह से रद्द करवाना चाहती है क्योंकि यह कानून एक तरफ संविधान के खिलाफ है दूसरी ओर इंडस्ट्री को भी नुकसान पहुंचाने वाला है.
क्या था निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण का कानून: हरियाणा स्टेट इम्पलॉयमेंट लोकल कैंडिडेट्स एक्ट, 2020 सरकार ने इसी साल जनवरी में लागू किया था. इसके तहत तीस हजार रुपये तक की सेलवी वाली नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया था. जननायक जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में इस आरक्षण को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया था. जेजेपी ने युवाओं के वोट बैंक को साधने के लिए 75 फीसदी आरक्षण के वादे का जमकर प्रचार प्रसार किया था. सरकार बनने के बाद वो इसे लागू करवाने को अपनी बड़ी सफलता के तौर पर देख रही थी.
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