चंडीगढ़: भव्य बिश्नोई के पिता कुलदीप बिश्नोई का राजनीतिक कद हरियाणा में बड़ा माना जाता है. वहीं भव्य के दादा चौधरी भजन लाल की राजनीति उससे भी बड़ी रही है, लेकिन भव्य का राजनीतिक करियर बस शुरू होने की दहलीज पर है. ऐसे में फिलहाल उनका करियर कहीं न कहीं उनके पिता कुलदीप बिश्नोई के प्रभाव पर ही निर्भर है.
भव्य बिश्नोई की बात की जाए तो वो पूर्व सीएम भजन लाल की विरासत को संभालेंगे. भजन लाल परिवार की तीसरी पीढ़ी अब राजनीति में लॉन्च होने के लिए तैयार है. भव्य बिश्नोई राजनीति में आने से पहले क्रिकेट खेला करते थे. लेकिन पिता कुलदीप बिश्नोई चाहते थे कि भव्य उनकी राजनीतिक विरासत को संभालें. जिसके बाद कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस नेतृत्व के सामने भव्य को टिकट देने पर अड़ गए.
भव्य को लॉन्च करने का प्लान कुलदीप बिश्नोई पहले ही बना चुके थे. तभी तो साल भर से पहले से ही भव्य ने जनसंपर्क करना शुरू कर दिया था. प्रदेश में नॉन जाट नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले कुलदीप बिश्नोई के नक्शे-कदम पर चलते हुए भव्य ने लोगों से मिलना शुरू किया और दादा भजन लाल की विरासत को आगे बढ़ाने का फैसला किया.
रेणुका बिश्नोई ने पहले ही दावा किया था कि इस बार हिसार से कुलदीप की जगह भव्य कांग्रेस प्रत्याशी होंगे. 26 साल के भव्य बिश्नोई पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. हिसार लोकसभा की आदमपुर विधानसभा में बिश्नोई परिवार का वर्चस्व अधिक है. हिसार बिश्नोई परिवार का गृह जिला है.
हरियाणा जनहित कांग्रेस के इंडियन नेशनल कांग्रेस में विलय होने के बाद हिसार लोकसभा सीट से भव्य बिश्नोई कांग्रेस प्रत्याशी हैं. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी कुलदीप बिश्नोई को हिसार लोकसभा से चुनाव लड़वाना चाहती थी, लेकिन कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे भव्य बिश्नोई को राजनीति में लॉन्च करना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने कांग्रेस हाईकमान पर भव्य बिश्नोई को टिकट दिए जाने का दबाव बनाया और आखिरकार भव्य को टिकट मिल ही गया.